फरवरी में जब अंतरिम बजट पेश किया गया था तो आम लोगों को काफी फायदा दिया गया था। आयकर स्लैब में कमी, हाउसिंग लोन में बड़ी राहत दी थी। लेकिन वह काफी नहीं था। अगर सरकार आयकर कानून की धारा 80सी के तहत आवास ऋण के मूल की वापसी पर अलग से डेढ़ लाख रुपए तक की कर छूट दे तो इससे घर खरीदारों को बड़ी बचत होगी। इसके साथ ही पहली दफा घर खरीदने वाले को प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत मिलने वाली छूट की सीमा को बढ़ाने की जरूरत है। इससे रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
निवेशकों को भी मिले रियायत
भारत में रियल एस्टेट में सेक्टर में विदेशी निवेशकों को अधिक से अधिक आकर्षित करने की जरूरत है। एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करने की जरूरत है जहां निवेशकों को प्रोत्साहन मिले, जिससे अधिक से अधिक विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इसके लिए नियम को सरल बनाने की जरूरत है। इसके लिए रियल एस्टेट को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा देने की की जरूरत है। इससे पूरे सेक्टर की हालत को बदल सकती है, क्योंकि इससे कम दरों पर फंड्स प्राप्त करने में मदद मिलेगी और सेक्टर के प्रत्येक हिस्से को लाभ होगा। इससे इस सेक्टर में निवेश भी बढ़ेगा।