एक्सपट्र्स के मुताबिक, एक्वेरियम की बनावट और सामग्री, दोनों में काफी बदलाव हुए हैं। अब पोस्टर साइज और वन ग्लास एक्वेरियम बाजार में उतारे जा रहे हैं, पहले दो ग्लास को जोडक़र एक्वेरियम बनाया जाता था। इनकी बनावट में भी चेंज आया है। पहले फर्नीचर और घर के किसी एक कोने के लिए एक्वेरियम बनवाया जाता था, लेकिन अब कई जगहों पर दीवार की जगह पूरा का पूरा एक्वेरियम बनवाया जा रहा है। इसकी कीमत ५ लाख रुपए तक है। साइज के मुताबिक ५० लाख रुपए के एक्वेरियम भी बनवाए जा रहे हैं। एक्सपर्ट आर्पी दुबे बताती हैं, ‘जयपुर में एक्वेरियम का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। यहां से डॉक्टर फिश पूरे भारत में एक्सपोर्ट होती है, साथ ही लोग वास्तु को देखते हुए कस्टमाइज एक्वेरियम बनवाते हैं। ’
ए क्वेरियम में पसंद की जाने वाली फिशेज में गोल्ड फिश का नम्बर सबसे पहले है। यह फिश बहुत ही खूबसूरत होती हैं, जिसे लगातार देखने से तनाव कम होता है। इसके अलावा मॉनी, शार्क, ट्रेटा, रामा रोजी, पैरट और फाइटर फिशेज को भी पसंद किया जाता है। इसके अलावा गोल्डन अरोवाना फि श की मांग भी रहती हैं। यह एक फिश डेढ़ लाख रुपए में बिकती है। कुछ फिशेज फेंगशुई के हिसाब से गुडलक मानी जाती है। उन्हें भी ज्यादा खरीदा जाता है। एक्सपर्ट महेश अग्रवाल बताते हैं कि शहर में एक्वेरियम को लेकर क्वेरीज बढ़ रही हैं। लोग घर में पॉजिटिव एनर्जी के लिए भी फिशेज रखते हैं।’
शहर में छोटे-छोटे फिश वॉटर टैंक अवेलेबल हैं, जिनसे दीवारों पर क्रिएशन किया जा सकता है। इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि आप आसानी से दीवार पर फिट कर सकते हैं। ऑनलाइन मार्केट में इनकी अच्छी-खासी रेंज उपलब्ध हैं। इनमें फिश के साथ वॉटर प्लांटर्स सजाए जा रहे हैं, जो दीवार को नया लुक दे रहे हैं।