– स्टेशनों पर नई बिल्डिंग, जिनमें रेलवे स्टॉफ के लिए कक्ष व स्टोर रूम। – सुविधाजनक यात्री प्रतीक्षालय, सुविधाघर व टिकट विंडो।
– पुराने बने प्लेटफॉर्म शेड को भी सुधारा जा रहा है।
– कुछ में ट्रेन समय सारिणी के लिए स्वचलित बोर्ड। ट्रेन की सीढि़यों से चढऩे का झंझट खत्म
अब तक छोटे स्टेशनों पर निर्धारित ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म नहीं थे। यहां यात्रियों को ट्रेन में लगी लोहे की सीढि़यों के सहारे ट्रेन में चढऩा पड़ता था। लेकिन अब इन सभी स्टेशनों पर 600 एमएम ऊंचाई के हाइराइज प्लेटफॉर्म निर्मित किए जा रहे हैं। इससे आम स्टेशनों की तरह यहां भी यात्री इस आसानी से ट्रेन में चढ़ सकेंगे।
पथ दोहरीकरण प्रोजेक्ट में इंदौर मार्ग तक आने वाले सभी स्टेशनों का विकास किया जाना है। देवास तक बन रहे स्टेशनों का काम तो अच्छी स्थिति में है। लेकिन देवास-इंदौर के बीच वाले स्टेशनों का काम धीमा है। कुछ जगह तो काम शुरू ही नहीं हो सके। एेसें में इस प्रोजेक्ट का पूरा लाभ मिलने में और विलंब होगा। दो भागों में काम होने से विभागीय नियंत्रण भी अलग है।
जेके जयंत, पीआरओ, पश्चिम रेलवे