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अनाज व्यापारी की दो बेटियों ने ऐशो आराम छोड़ अपनाया साध्वी जीवन

Jain Sadhvi : उज्जैन जिले के उन्हेल में अनाज व्यापारी की दो बेटियों के मन में वैराग्य जागा। वे दीक्षा लेकर श्वेतांबर जैन साध्वी बन गईं।

उज्जैनJan 21, 2025 / 11:10 am

Avantika Pandey

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Jain Sadhvi : उज्जैन जिले के उन्हेल में अनाज व्यापारी की दो बेटियों के मन में वैराग्य जागा। वे दीक्षा लेकर श्वेतांबर जैन साध्वी(Jain Sadhvi) बन गईं। दीक्षा के बाद 10 साल की वामा कुमारी को ब्राह्मीरेखा और 13 साल की प्रार्थना कुमारी को प्रणिधि रेखा नए नाम मिले हैं। रविवार को मालवांचल के प्राचीन तीर्थ कामितपूरण पार्श्वनाथ तीर्थ उन्हेल में दीक्षा के बाद पिता प्रकाश चौधरी और माता नैनाबेन के चेहरे पर बेटियों के गौरव का तेज दमक रहा था। प्रार्थना ने सांसरिक जीवन में 5वीं और वामा ने दूसरी तक पढ़ाई की है।
पिता ने बताया, साध्वी(Jain Sadhvi) बनने से पहले सांसारिक जीवन में ही दोनों ने कठिन परीक्षा दी। 5 साल गुरुकुल में रहने के दौरान दोनों बहनों ने जैन संत, साध्वियों के साथ 5 हजार किमी विहार किया। दोनों का मन भांपने के बाद दीक्षा की अनुमति मिली।

5 साल गुरुकुल में साध्वियों का साथ

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