प्राचीन माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर परम्परानुसार दीपोत्सव पांच दिन धूमधाम से मनाया जाएगा, महोत्सव को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। गुरुवार शाम एसडीएम लक्ष्मी गामड़ और तहसीलदार गोपाल सोनी, सीएसपी हेमंत चौहान ने महालक्ष्मी मंदिर पहुंचकर निरीक्षण किया। अधिकारियों ने मंदिर के संजय पुजारी को निर्देशित किया कि मंदिर में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो, जिससे श्रद्धालु परेशान हो। श्रद्धालुओं द्वारा शृंगार के रूप में लाए जाने वाले सोना-चांदी स्वर्ण आभूषण और नगद राशि की हर दिन की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए। मंदिर में दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा इंतजाम के अन्तर्गत परिसर और गर्भगृह में 8 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिसका कंट्रोल रूम माणकचौक थाने पर होगा।
मंदिर पर एक ऑडियो सिस्टम लगाया जाएगा, जो नियमित रूप से बजता रहेगा और भक्तों को शासकीय दानपेटी में ही राशि डालने के लिए कहेगा। रतलाम के माणकचौक स्थित प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर पर परम्परानुसार पांच दिवसीय दीपोत्सव मनाने को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। महामायी का शृंगार स्वर्ण आभूषण, नगदी राशि से किया जाएगा। धनतेरस, रूपचतुर्दशी, दीपावली, पड़वी और भाईदूज तक उत्सव मनाया जाकर मातारानी का दरबार शृंगार दर्शन के लिए खोला जाएगा। इसके पूर्व मंदिर पुजारी द्वारा माता मंदिर में रंगरोंगन के लिए आवेदन तहसील कार्यालय में दिया गया, शीघ्र ही मंदिर में रंगाई-पुताई का कार्य शुरू होगा।
तहसीलदार गोपाल सोनी ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार निरीक्षण कर लिया है, सीसीटीवी ८ कैमरे लगवाकर डीवीआर माणकचौक थाने में रहेगा, जहां से २४ घंटे नजर रखी जाएगी। कुबेर पोटली के लिए समय निर्धारित करने के लिए मना किया था, लेकिन पुजारी द्वारा बताया गया कि इस पोटली नहीं बनाई गई है। एक व्यक्ति प्रशासन की तरफ से नियुक्त रहेगा, जो पूरे समय मंदिर पर रहकर जो भी व्यक्ति मंदिर में दान या चढ़ावा नगद चढ़ाना चाहता है, उसकी रसीद उसे देगा। वह सामग्री शासकीय खजाने में जमा होगी। इसके अलावा मंदिर में भक्तों द्वारा नगद और जेवरात शृंगार के लिए लाए जाते हैं, उसका पूरा ब्योरा प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा।
भ्रांतियां नहीं फेले लोगों में इसके लिए प्रतिदिन कितनी राशि मंदिर पर पहुंच रही है में भी पारदर्शिता रहेगी। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस जवान भी तैनात रहेंगे। 18 अक्टूबर को महालक्ष्मी मंदिर का दानपात्र खोला जाएगा। मंदिर रंगाई के लिए निर्देशित कर दिया है। हर साल भक्तों मिलने वाली कुबेर पोटली इस साल वितरण नहीं की जाएगी। प्रशासन ने पुजारी से जब नियमित रूप से कुबेर पोटली बांटने की बात कही तो पुजारी ने बताया कि इस साल पोटली बनाई ही नहीं गई है, इसलिए वितरण नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि हर साल कुबेर पोटली प्राप्त करने के लिए महिला भक्तों की लम्बी लम्बी कतार माणकचौक क्षेत्र में लगी रहती थी, जिससे धक्का-मुक्की जैसे हालात बनते रहते थे।