– मसूड़ों, जीभ या मुँह के अंदर सफेद या लाल पैच।
– मुँह मे असामान्य रक्त स्त्राव या दर्द।
– एक ही जगह पर लगातार छाले।
– दांत नुकीले हो या लगातार चुभते हो।
– भोजन निगलने में दर्द हो।
– सांस लेने या बोलने में परेशानी होती हो।
– गर्दन या गले मे दर्द जो दूर नहीं होता हैं।
– बार-बार खांसी आती हो।
– आवाज में बदलाव आ जाए या बोलने में समस्या हो।
– कान में लम्बे समय तक दर्द रहता हो।
– तम्बाकू का सेवन न करें क्योंकि इसमें तीन हजार से अधिक रासायनिक यौगिक हैं, जिनमें से 29 कैंसर कारक हैं। -धूम्रपान ना करें क्योंकि इससे मुँह के कैंसर के साथ, फेफडे़ और पेट का कैंसर, ह्रदय रोग जैसी अनेको बीमारियां होती हैं।
– इसका सबसे बड़ा कारण लगातार तम्बाकू सेवन हैं जो इन दिनों स्ट्रेस का कारण बताकर युवाओं मे बढ़ता जा रहा हैं।
– युवा धूम्रपान को फैशन व स्टाइल आइकॉन मानते हैं। ये कम उम्र के बच्चे भी कर रहे है।
– मुँह के कैंसर के रोगियों की सर्वाधिक संख्या भारत मे हैं। इसकी एक बड़ी वजह दांत की सफाई नहीं करना व नशे का आदि होना है।