रतलाम. मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर और उज्जैन राजस्व संभाग के 15 जिलों में सवा दो करोड़ लोगों एवं 54 लाख उपभोक्ताओं के लिए बिजली सुविधाएं उपलब्ध कराती है। इन उपभोक्तों की मदद एवं शिकायत निवारण के लिए केंद्रीयकृत काल सेंटर 1912 को अब स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी के ही कर्मचारियों, अधिकारियों ने नया स्वरूप दिया है। काल सेंटर को अब अत्याधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है। अब तक 120 चेनल से काम कर रही हेल्पलाइन अब 500 चेनल की कर दी गई है। इससे अब इतने ही उपभोक्ता एक बार में बात कर पाएंगे, इसके अलावा वेटिंग की दशा में कंपनी के अधिकारी उपभोक्ता को पलटकर फोन करेंगे।
IMAGE CREDIT: patrika कंपनी के अधिकारियों ने बताया अब काल सेंटर का कोई भी कार्य बाह्य एजेंसी से नहीं कराया जाएगा, तकनीकी स्तर के सभी कार्य बिजली कंपनी के ही कर्मचारी, अधिकारी कर रहे है। विधिवत रूप से 1 जुलाई से इंदौर के पोलोग्राउंड स्थित 1912 का सेंटर बिजली कंपनी द्वारा ही पूरी तरह संचालित होगा। बिजली कंपनी के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधीक्षण यंत्री सुनील पाटौदी, प्रबंधक विभोर पाटीदार व अन्य साथी कर्मचारी, अधिकारियों द्वारा काल सेंटर को ज्यादा क्षमता एवं प्रभावी बनाने के लिए किया गया यह कार्य मप्र में अपनी तरह का सर्वप्रथम है। प्रदेश शेष दोनों ही बिजली वितरण कंपनियां अभी बाह्य एजेंसी पर आश्रित है।
IMAGE CREDIT: patrikaनए रूप में ये सुविधाएं और बदलाव – काल आने की लाइनें 500 चैनल्स पर काल आने से उपभोक्ताओं को वैटिंग की स्थिति नही बनेगी। – काल सेंटर के सर्वर की क्षमता चार गुना होने से डाटा संग्रहण और तेजी से होगा। – काल सेंटर का तकनीकी कार्य आउट सोर्स की बजाए स्वयं कंपनी करने से समय कम लगेगा, जरूरत होने पर तुरंत अपडेशन/बदलाव कार्य होगा। – काल सेंटर से लाइन स्टाफ को अब तुरंत मैसेज व नोटिफिकेशन जाएगा, काल लगाने की नौबत नहीं आएगी। – काल सेंटर पर काल की वेटिंग आने पर उपभोक्ता काल बैक रिक्वेस्ट बटन दबाने पर काल सेंटर कर्मचारी पुन: काल करेंगे।
पहले ये परेशानी महसूस की गई थी – काल आने की लाइन्स यानि चैनल्स 120 ही होने पर मौसम में बदलाव आने पर काल नहीं लगते थे, शिकायतें बढ़ जाती थी। – आउटसोर्स के माध्यम से तकनीकी सुविधाएं लेने पर कई बार कार्य विलंबित होने से परेशानी रहती थी, छुट्टी के दिनों में कार्य नहीं होता था, कार्य के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। – सर्वर की क्षमता पहले 32 जीबी ही होने से डाटा संग्रहण कम होता था, क्वालिटी मैनेजमेंट/ कंज्यूमर सेटिसिफिकेशन के लिए काल रिकार्डिंग भी सीमित मात्रा में होती थी। – उपभोक्ता की शिकायत दर्ज होने के संबंधित जोन/ वितरण केंद्र के स्टाफ को फोन लगाकर सूचना देना पड़ती थी। कई बार मोबाइल पर काल नहीं लग पाता था। – मौसम में बदलाव पर एक साथ बड़ी संख्या में काल आने पर लंबी वेटिंग चलती थी, उपभोक्ता कई बार नाराज हो जाते थे।
उपभोक्ता के लिए है बड़ा निर्णय अब तक कंपनी के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर जब कोई फोन करता था तो लाइन व्यस्त होने की दशा में या तो इंतजार करना होता था या उपभोक्ता को दूसरी बार फोन करना होता था, अब इसमे बदलाव करके चेनल की संख्या में बढ़ोतरी की है। इससे वैटिंग नहीं करना होगा, अगर हुआ भी तो पलटकर कंपनी की तरफ से फोन जाएगा।
– संतोष टैगोर, मुख्य महाप्रबधंक, मप्रपक्षेविविकं
Hindi News / Ratlam / नवाचार : MPEB हेल्पलाइन नंबर पर वैटिंग के बाद आ रहे पलट कर फोन