ये भी पढ़ें- केन्द्र से आया पत्र 30 जून तक प्रदेश में बढ़ाया जाए लॉकडाउन, दुविधा में आई सरकार
दो महीने तक भटके फरियादी, अब दर्ज हुई शिकायत
हैरानी की बात तो ये है कि धोखाधड़ी का शिकार हुए पीड़ित अपनी फरियाद लेकर दो महीने तक पुलिस थाने के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें दो महीने तक जांच के नाम पर भटकाया जाता रहा अब फरियादियों की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार शुभम श्री कॉलोनी निवासी राहुल पिता जोरसिंह डामोर 32 वर्ष और उसकी बहन कविता पिता जोरसिंह डामोर 23 वर्ष के अलावा गवली मोहल्ला निवासी प्रवीण पिता भेरुलाल मालवी 25 वर्ष ने पुलिस को उनके साथ हुई धोखाधड़ी को लेकर आवेदन दिया था। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने आवेदन पर जांच के बाद सुखदेव कुशवाह, नरेंद्र पिता रमेश टांक और एक अन्य के खिलाफ धारा 419,420, 467,468,471 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इन तीनों से ही मेडिकल कॉलेज में नौकरी दिलाने के नाम पर नरेंद्र टांक और सुखदेव ने पांच लाख रुपए लिए थे। यही नहीं इन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया किंतु नौकरी नहीं लगने के बाद मामला उजागर हो गया।
ये भी पढ़ें- एक विवाह ऐसा भी..सात फेरों के साथ लिया पर्यावरण संरक्षण का आठवां वचन
यह है पूरा मामला
शुभमश्री कालोनी निवासी राहुल डामोर को शहर सराय निवासी नरेंद्र पिता रमेशचंद्र टांक और डोंगरे नगर निवासी सुखदेव कुशवाह ने तीन लाख रुपए के एवज में मेडिकल कॉलेज में उसकी और उसकी बहन कविता की नौकरी दिलाने का वादा किया था। सुखदेव ने आरपियों की बातों में आकर उसे तीन लाख रुपए भी दे दिए थे। राहुल डामोर ने जनवरी 2021 में नौकरी के लिए तीन लाख रुपए दिए थे। आज दिन तक आरोपी उसे झांसा ही देते रहे कि उसकी नौकरी लगने ही वाली है। आखिरकार परेशान होकर राहुल औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने पर दोनों के खिलाफ आवेदन दिया। राहुल की शिकायत पर जब पुलिस ने प्रारंभिक जांच की तो और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई। आरोपियों की ठगी का शिकार इकलौता राहुल नहीं है। गवली मोहल्ला निवासी प्रवीण के साथ भी इन लोगों ने दो लाख रुपए में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की। पुलिस सूत्र बताते हैं कि आरोपियों ने सौ से भी ज्यादा लोगों को इसी तरह ठगी का शिकार बनाया है। आरोपीगण अपने शिकार को भरोसे में लेने के लिए उसे फर्जी कॉल लेटर और यहां तक कि नियुक्ति पत्र भी बनाकर दे देते थे।
ये भी पढ़ें- इन सात शहरों को कोरोना कर्फ्यू में ढील के लिए करना पड़ सकता है और इंतजार
पकड़ाने के डर से फरियादी बन पहुंचा था सुखदेव
मेडिकल कॉलेज में नौकरी दिलाने के नाम पर सौ से अधिक लोगों से धोखाखड़ी करने के शातिर आरोपी सुखदेव कुशवाह और नरेंद्र टांक की जुगलबंदी थी। सुखदेव कुशवाह ही इस घटनाक्रम में पहले मुख्य भूमिका में सामने आया और उसने ही पीडितों को झांसे में रखकर राशि की वसूली की। सूत्र बताते हैं कि जब सुखदेव को लगा कि वह नौकरी नहीं दिला सकता है और फर्जी नियुक्ति पत्र देकर फंस गया है तो उसने अपने बचाव के लिए फरियादियों के आवेदन पहुंचने से पहले ही पुलिस अधीक्षक को स्वयं फरियादी के रूप में प्रस्तुत करके नरेंद्र टांक पर मामला डालने का प्रयास किया था। ऐसा करके वह इस मामले में खुद को सही साबित करना चाह रहा था। इसी बीच उससे पीडि़त भी पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के पास पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक तिवारी ने इनसे शपथ पत्र लिया और इसके बाद पूरे मामले की गहनता से जांच कराई तो सब सामने आ गया।
ये भी पढ़ें- सुबह होगी बैंक खुलेगा और तभी तो पैसा मिलेगा…इसी आस में बैंक के बाहर अन्नदाता काट रहे रात
मुख्य आरोपी बनकर आया था फरियादी
मेडिकल कॉलेज में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले सुखदेव और नरेंद्र टांक में से सुखदेव ही मुख्य आरोपी है और उसी ने सभी हितग्रााहियों से पैसे लिए थे। उसने हितग्राहियों से 50 हजार से लेकर चार लाख रुपए तक नौकरी दिलाने के नाम पर लिए थे। इसमें से 60 लाख रुपए उसने नरेंद्र टांक को भी दिए थे। सुखदेव को लगा कि वह फंस रहा है तो वह फरियादी बनकर आया था। बाद में जांच में पता चला कि वह ही मुख्य आरोपी है। दोनों को राउंडअप कर लिया गया है।
गौरव तिवारी, पुलिस अधीक्षक, रतलाम
देखें वीडियो- मानसिक कमजोर युवक को परिजनों ने जंजीरों से किया कैद