देश व दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए अपने अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रहा है। इस बीमारी से जंग जितने के लिए भारतीय रेलवे के पश्चिम रेलवे अंतर्गत आने वाले रतलाम रेल मंडल में नवाचार हो रहा है। रेल मंडल में अलग-अलग स्थान पर मास्क का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिससे कर्मचारी आसानी से मैदान में जाकर कार्य कर सके।
indian Railways are innovating as much as Corona’s war
रतलाम। देश व दुनिया इन दिनों कोरोना वायरस को परास्त करने के लिए अपने अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रहा है। इस बीमारी से जंग जितने के लिए भारतीय रेलवे के पश्चिम रेलवे अंतर्गत आने वाले रतलाम रेल मंडल में नवाचार हो रहा है। रेल मंडल में अलग-अलग स्थान पर मास्क का निर्माण तेजी से हो रहा है, जिससे कर्मचारी आसानी से मैदान में जाकर कार्य कर सके। इसके लिए प्रेरणा रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक विनित गुप्ता से मिली है।
कारोना वायरस के बीच आई खुश खबर रेल मंडल में इंदौर कोचिंग डिपो में पूर्व के बेडशीट को पूरी तरह से भांप से वॉश किया है। इसके बाद अब तक 500 मास्क बना दिए है। डीजलशेड में भी इनका निर्माण पूर्व के संसाधन से हो रहा है। पहले संसाधन को स्टरलाइज किया जा रहा है व इसके बाद मास्क का निर्माण हो रहा है। 500 से अधिक मास्क का निर्माण हो गया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए रेल मंडल में सेनेटाइजर व मास्क की कमी सामने आई है। इसके बाद पूर्व के सामान से मास्क का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। रेल मंडल में डीजलशेड व इंदौर कोचिंग डिपो में इसका निर्माण कार्य नवाचार करते हुए शुरू कर दिया गया है। अब तक दोनों स्थान पर मिलाकर करीब एक हजार से अधिक मास्क बनाए गए है।
स्टेशन पर चौथा गेट हो रहा तैयार, मार्च अंत तक पूरा होगाट्रैकमैन को प्राथमिकता इन मास्क का निर्माण करके सबसे पहले उन ट्रैकमैन को दिया जा रहा है जो रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे है। इनके लिए मास्क बनाकर मंडल के अलग-अलग सेक्शन में पहुंचाए जा रहे है। इनके अलावा रनिंग कर्मचारियों को भी इसका वितरण किया गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार आने वाले दिनों में इन मास्क के निर्माण की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसके बाद पूरी तरह से मंडल में प्रत्येक कर्मचारियों को यह दिया जा सकेगा।
एमपी में बोर्ड परीक्षा में सवाल, आजाद कश्मीर के बारे में बताओहमारा प्रयास है सभी को मिले डीजलशेड व कोचिंग डीपो में इसका निर्माण शुरू किया है। अब तक करीब एक हजार से अधिक मास्क बनाए गए है। जरुरत के अनुसार यह कम है, लेकिन इनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास जारी है।