रेलवे की पहल : चलती ट्रेन में गार्ड को अटैक, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बचाया
Indian Railway Initiative News : रेलवे की पहल : चलती ट्रेन में गार्ड को अटैक, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बचाया, चीफ लॉबी सुपरवाइजर ने सभी विभागों से बनाया समन्वय
रतलाम. जयपुर से भोपाल जाने वाली ट्रेन नंबर 19711 के गार्ड सीआर चौहान को सोमवार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक की शिकायत हुई। खाचरौद से सूचना मिलने के बाद ट्रेन के लिए उज्जैन तक ग्रीन कॉरीडोर तैयार किया गया, लेकिन बाद में नागदा में ही चिकित्सक उपलब्ध होने के चलते गार्ड को नागदा में ही उतार लिया गया। वहां से उपचार के बाद गार्ड को रतलाम लाया गया, यहां उनकी हालत स्थिर है।
VIDEO अवंतिका के टॉयलेट में जलाए कपड़े, धुएं से हड़कंप इंटरसिटी ट्रेन जिसमें गार्ड चौहान की ड्यूटी थी, सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर रतलाम से रवाना हुई, इसी दौरान रतलाम से खाचरौद के बीच बांगरोद पार होते ही चौहान की तबियत खराब होने लगी। चौहान ने अपने अधिकारी चीफ लॉबी सुपरवाइजर वेदप्रकाश दुबे को इस बारे में मोबाइल पर सूचना दी। दुबे ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियोंं को दी, पूर्व में निर्णय हुआ कि ट्रेन को उज्जैन ले जाया जाए और वहां चिकित्सा मदद उपलब्ध कराई जाए लेकिन बाद में तय किया गया कि नागदा में ही मदद मिलेगी।
VIDEO मुंबई-दिल्ली ट्रैक पर इंजन का व्हील जाम, 3 घंटे तक रूट बंदग्रीन कॉरिडोर बनाया गया इसके बाद रतलाम से नागदा तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, नागदा के चिकित्सक को सूचना दी गई। इस बीच एक गार्ड को ड्यूटी पर जाने के लिए तैयार किया गया। ट्रेन सुबह करीब ६.४० बजे नागदा पहुंची तो गार्ड की मदद को एक चिकित्सक एंबुलेंस सहित तैयार थे। पहले गार्ड को नागदा के निजी अस्पताल में ले जाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए गार्ड को रतलाम के निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।
SBI : एसबीआई का अपने करोड़ों ग्राहकों को बड़ा तोहफामिनट टू मिनट यह हुआ – सुबह 5.40 बजे ट्रेन चली। – 6.12 बजे गार्ड की तबीयत खराब हुई व सूचना दी। – 6.20 बजे ग्रीन कॉरिडोर बनाने का निर्णय। – 6.22 बजे ट्रेन खाचरोद पहुंची। – 6.38 बजे ट्रेन नागदा पहुंची। – 6.40 पर एंबुलेंस में ले जाया गया। – 7 बजे उपचार शुरू हुआ। – 9 बजे निर्णय रतलाम भेजा जाए। – दोपहर 12 बजे रतलाम पहुंचे।
रेलवे में निजीकरण के खिलाफ मिलकर लडऩा होगा IMAGE CREDIT: patrikaजिंदगी से बढ़कर कुछ और नहीं किसी भी व्यक्ति की जिंदगी से बढ़कर कुछ नहीं है। समय रहते सीएलएस व उनकी टीम ने जो निर्णय लिए वे उससे गार्ड को तुरंत मदद मिली। – आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक