विजिलेंस की जांच के दौरान ट्रेन में जांच की गई तो मामला उजागर हुआ। बल्कि उसी ट्रेन में ड्यूटी कर रहे दो अन्य टीटीई को विजिलेंस ने नगदी के साथ ट्रैप किया। इनके पास से अतिरिक्त राशि मिली। उत्तराखंड घर गए टीटीई को निलंबित कर दिया गया। जबकि दो अन्य की जांच चल रही है।
दर्ज था नाम
मामला 16 जनवरी का कानपुर-बांद्रा एक्सप्रेस का है। रतलाम से सुबह 9.30 बजे रवाना होने वाली ट्रेन में उस दिन तीन टीटीई अरविंद्र रावत, रंजीत भाने व नुरुद्दीन सि्िद्धकी की रतलाम से मुंबई तक की ड्यूटी लगाई गई। इसमें से रावत अपने घर देहरादून उत्तराखंड गए थे, बावजूद रोस्टर में इस ट्रेन की ड्यूटी में इसका नाम दर्ज था। ये भी पढ़ें: सरोगेसी के नियमों में बड़ा बदलाव, संतान सुख पाने के लिए सरकार ने दी बड़ी राहत यहां की विजिलेंस की धरपकड़
ट्रेन में वापी से मुंबई के बीच विजिलेंस टीम द्वारा जांच की गई। तब टीटीई रंजीत की जेब से 5400 रुपए तथा सिद्धिकी के पास 3200 रुपए मिले। इनका प्रकरण बनाकर इसकी सूचना रतलाम में विभाग के अधिकारियों को दी गई। नियम अनुसार दो हजार से अधिक रुपए होने पर इसकी सूचना देकर ही टीटीई ट्रेन में ड्यूटी कर सकता है। जांच के दौरान ड्यूटी में शामिल अन्य टीटीई रावत नहीं मिले। जानकारी लेने पर संज्ञान में आया कि रावत अपने गृह गांव गए है। विभाग द्वारा इसे निलंबित कर दिया गया।