importance of chaitra navratri 2019 date time muhurta
रतलाम। चैत्र नवरात्रि 2019 आगामी 6 अप्रैल से शुरू हो रही है। 14 अप्रैल को श्रीराम महानवमी के साथ इसका समापन होगा। वैसे तो कुल चार बार नवरात्रि का पर्व आता है, लेकिन चैत्र व आषाढ़ माह की नवरात्रि को ही भारत में अधिक मनाया जाता है। इस बार नवरात्रि में मां अश्व पर सवार होकर आएगी व गज पर सवार होकर विदा लेंगी। इससे हर व्यक्ति के जीवन पर इसका अलग-अलग असर होगा। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी वीरेंद्र रावल इंद्रा नगर में कही। वे भक्तों को नवरात्रि में मां के आगमन-विदा के साथ वाहन की सवारी से जीवन में होने वाले असर के बारे में बता रहे थे।
वार के हिसाब से तय होता वाहन धर्म ग्रंथो में कहा गया है – शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्ति्तता: इस कथन में कलश स्थापन के प्रथम दिन के हिसाब से ही देवी के वाहन का पता लगाया जाता है। सोमवार – गज मंगलवार – अश्व बुधवार – नाव गुरूवार – डोली शुक्रवार – डोली शनिवार – अश्व रविवार – हाथी
अश्व वाहन से होता है ये नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों एवं योगों के साथ आना मनुष्य जीवन पर खास प्रभाव डालता है। ठीक इसी प्रकार कलश स्थापन के दिन देवी किस वाहन पर विराजित होकर पृथ्वी लोक की तरफ आ रही हैं, इसका भी मानव जीवन पर विशेष असर होता है। इस वर्ष देवी अश्व पर आ रही हैं जो कि युद्ध का प्रतीक होता है। इससे शासन और सत्ता पर बुरा असर होता है। सरकार को विरोध का सामना करना पड़ सकता है। किन्तु जिन लोगों पर देवी की विशेष कृपा होगी उनके अपने जीवन में अश्व की गति के सामान ही सफलता की प्राप्ति होगी। इसलिए नवरात्रि के दौरान पूरे मन से देवी की अरााधना करें, व्रत करें एवं मां प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करें।
Hindi News / Ratlam / चैत्र नवरात्रि 2019: अश्व पर सवार होकर आएगी मां, गज पर होगी विदा, इस तरह होगा आपके जीवन पर असर