जसवंतपुरा रेंज के 11748 .92 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फैले भालुओं की संख्या इस बार 54 दर्ज की गई है। इससे पूर्व पिछले वर्ष इनकी संख्या 52 दर्ज की गई थी। जसवंतपुरा क्षेत्र को वर्ष 2010 के नॉटिफिकेशन के तहत सुंधा माता कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित किया जा चुका है। ऐसे में जिले की चार रेंज में जसवंतपुरा रेंज सबसे महत्वपूर्ण है। केवल इसी वन्य क्षेत्र में ही भालू पाएं जाते हैं।
हरितिमा से आच्छादित इस क्षेत्र में भालुओं के अलावा भी अन्य वन्य जीव पाए जाते हैं, जिससे यह भाग अपनी विशेष पहचान रखता है। इसके साथ यह क्षेत्र सिरोही जिले के वन क्षेत्र को भी छूता है।
तीन साल में छह का इजाफा
विभागीय जानकारी के अनुसार पिछले छह सालों में वन्य क्षेत्र में 22 भालू बढ़े हैं। इस वर्ष वन्य जीव गणना में भालुओं की संख्या 54 दर्ज की गई है। वर्ष 2014 और 2015 के बीच भालुओं की संख्या में केवल एक का इजाफा हुआ। पिछले साल वन क्षेत्र में भालुओं की संख्या में 4 का इजाफा हुआ। लेकिन इस बार केवल 2 का इजाफा हुआ है।
जिले में भालुओं की स्थिति
साल भालुओं की संख्या
2012 32
2013 39
2014 47
2015 48
2016 52
2017 54 इनका कहना हाल ही में पूरी हुई वन्य जीव गणना काफी सकारात्मक रही। जिले की चारों रेंज से आंकड़े प्राप्त हो चुके है। मुख्य रूप से जसवंतपुरा क्षेत्रमें भालुओं के आंकड़े सकारात्मक रहे।
– परबतसिंह, रेंजर, वन विभाग, जसवंतपुरा