बता दें कि रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया के तहत कोर्ट में दाखिल मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार अंतिम शासक जिस सोने के प्याले में खाना खाते थे, उस एक प्याले की कीमत ढाई लाख थी। सोने के प्याले, छुरियों और कांटे के इस सेट में 24 आइटम थे। यानि उनकी खाने की मेज पर एक करोड़ साठ लाख के सोने के बर्तन होते थे। नवाब रजा अली खां ने दो सौ पीस की इंग्लिश क्राकरी पर रामपुर रियासत का मोनोग्राम प्रिंट कराया था। इन प्लेट्स पर सोने का पॉलिश था। इस एक प्लेट की कीमत पंद्रह हजार आंकी गई है। इस तरह यह क्राकरी तीस लाख रुपये की है। नवाब रामपुर की खाने की मेज पर चांदी के डेकोरेशन पीस होते थे। इस एक पीस की कीमत पांच लाख रुपये आंकी गई है। डेकोरेशन पीस 20 थे। इस लिहाज़ से अंतिम शासक ने अपनी विरासत में एक करोड़ के चांदी के डेकोरेशन पीस छोड़े थे।
पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के पीआरओ काशिफ खां ने बताया कि रिपोर्ट में एडिशनल आइटमस के क्रम संख्या 6 और 8 पर दर्ज सोने-चाँदी के बर्तनों की कीमत एक करोड़ साठ लाख और क्रम संख्या 7 पर दर्ज रामपुर मोनोग्राम वाली क्राकरी की कीमत तीस लाख आंकी गई है।
सोने-चांदी के बर्तन खासबाग पैलेस से गायब रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का कहना है कि सोने-चांदी के बर्तन भी खासबाग पैलेस से गायब हैं। जिला न्यायालय द्वारा संपत्ति के सर्वे के लिए नियुक्त कमिश्नर अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। सर्वे में सोने-चांदी का कोई बर्तन खासबाग पैलेस में नहीं मिला है। इसका साफ मतलब है कि करोड़ों रुपये के सोने-चाँदी के बर्तन गायब कर दिये गए हैं। खासबाग पैलेस पर काबिज लोग जवाब दें कि यह सामान कहां गया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार जो वस्तुएं गायब हैं उनकी कीमत कब्जेदारों के हिस्से से काटी जाएगी।