अपहरण और दुष्कर्म का यह मामला पटवाई थाना क्षेत्र के एक गांव का है। गांव निवासी एक महिला ने 24 जुलाई 2018 को पटवाई थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उसका आरोप है कि उसकी कक्षा पांच में पढ़ने वाली बेटी का गांव का ही एक व्यक्ति अपने रिश्तेदारों की मदद से अपहरण कर ले गया।
पुलिस ने नाबालिग को बरामद किया तो उसने कोर्ट में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। पुलिस ने मामले की विवेचना करते हुए इस मामले में अहमद अली, केमरी थाना क्षेत्र मोहम्मदनगर नानकार निवासी शब्बन और भोट थाना क्षेत्र के किसरौल गांव निवासी नसीरन के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। इस मामले की सुनवाई बुधवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट राम गोपाल सिंह की कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुमित शर्मा ने वादिनी मुकदमा समेत 11 लोगों के बयान दर्ज कराए।
आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल को गांव की रंजिश के आधार पर झूठा फंसाया गया है। घटना का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अहमद अली को दोषी मानते हुए सात साल की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जुर्माना की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रूप में दी जाए। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में शब्बन और नसीरन को बरी कर दिया।