गोमाताओं के साथ गांव वालों को भी राहत
निराश्रित गोवंश सर्दी व बरसात के साथ भूख आदि से भी परेशान रहता है। वहीं, किसानों को भी निराश्रित गोवंश से अपनी फसल व घास के बीड़ आदि की रक्षा करनी होती थी। वहीं, कतिपय लोग गोवंश को लाठी-डंडे या धारदार हथियार आदि से पीड़ा भी पहुंचाते थे। ऐसे में गोशाला शुरू होने से गोवंश को भी आए दिन होने वाली पीड़ा से मुक्ति मिली। वहीं, ग्रामीणों को भी राहत मिली है। गोशाला के लिए राजस्थान रजिस्ट्रार से श्री बाल-गोपाल गोशाला सेवा समिति बल्लो का खेड़ा के नाम से पंजीयन करवाया गया है।
राजस्थान गोसेवा समिति जिला अध्यक्ष ने किया अवलोकन
मकर संक्रांति पर गोशाला की व्यवस्था व संसाधन के लिए राजस्थान गोसेवा समिति जयपुर जिला शाखा राजसमंद के जिलाध्यक्ष जेठू सिंह राजपुरोहित ने टीम के साथ अवलोकन किया। इसमें स्थानीय समिति व ग्रामवासियों से गोशाला को भूमि आवंटन एवं राज्य सरकार की ओर से देय अनुदान आदि पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। वहीं, गोशाला की आगामी वार्षिक कार्यक्रम योजना आदि पर भी सहमति बनाई। वहीं, मकर संक्रांति पर प्रधान हजारीलाल गुर्जर, उपप्रधान सज्जन सिंह सोलंकी, तहसीलदार देवालाल गर्ग, समाजसेवी बबरी सिंह, पूर्व सरपंच तेजसिंह चुंडावत, सेलागुड़ा सरपंच गंगासिह चुंडावत, शिवलाल गुर्जर राछेटी, कान सिंह घोसुंडी, लाल सिंह कमेरी, दुर्गेश जोशी सरदारगढ़, मण्डल अध्यक्ष नारायण लाल गुर्जर, आदि ने गोमाता के दर्शन कर गोमाता को लापसी खिलाई। इनका गोशाला के संरक्षक हरिसिंह बल्ला, अध्यक्ष भोजाराम, कोषाध्यक्ष इंद्रसिंह, गोवर्धन सिंह, बंशी गुर्जर, अर्जुनसिंह सहित सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया।