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Rajsamand News : निराश्रित गोवंश और नंदी लाचार, रखने को कोई नहीं हो रहा तैयार

राज्य सरकार ने निराश्रित गोवंश के लिए कई योजना बनाई, लेकिन उनके मूर्त रूप नहीं लेने के कारण आज भी निराश्रित गोवंश रोड पर भटकने को मजबूर है। पशुपालन विभाग की ओर से इसके लिए कई बार टेण्डर किए, लेकिन अभी तक किसी ने भी रूचि नहीं दिखाई है।

राजसमंदJan 15, 2025 / 11:15 am

himanshu dhawal

राजसमंद. निराश्रित गौवंश और नंदी को रखने के लिए कोई भी तैयार नहीं है। इसके कारण रोड पर भटकने को मजबूर है। राज्य सरकार की बजट घोषणा के अनुसार ग्राम पंचायतों में पशु आश्रय स्थल और पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशाला खोलने के लिए कई टेण्डर आमंत्रित किए, लेकिन बामुश्किल एक-दो ने ही इसमें रूचि दिखाई है, जबकि सरकार की ओर से इसके लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने 2021-22 की बजट घोषणा में पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशाला खोलने की घोषणा की थी। इसके तहत पशुपालन विभाग की ओर से ई-टेण्डर आमंत्रित किए गए, लेकिन इसमें किसी ने रूचि नहीं दिखाई। इसके पश्चात दूसरी बार फिर टेण्डर आमंत्रित किए गए, इसमें सिर्फ एक भीम के लाखागुड़ा बांसड़ा ने रूचि दिखाई उसकी अधिकांश प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब सिर्फ वर्क ऑर्डर दिया जाना शेष। विभाग ने इसके पश्चात शेष सात पंचायत समितियों में नंदी गौशाला खोलने के लिए तीसरी बार टेण्डर आमंत्रित किए, लेकिन आचार संहिता के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब पशुपालन विभाग की ओर से इसके लिए फिर से टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं। इसे 17 जनवरी को खोला जाना प्रस्तावित है। हालांकि इस बार भी किसी के रूचि दिखाने की संभावना कम दिखाई दे रही है।

90 फीसदी सरकार देगी अनुदान

नंदीशाला निर्माण के लिए 1.57 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें 90 फीसदी राशि राज्य सरकार वहन करेगी। मात्र 10 फीसदी राशि नंदी गौशाला का संचालन करने वाली संबंधित संस्था खर्च करेगी। नंदी गौशाला में बेसहारा नंदी को आश्रय दिया जाना प्रस्तावित है। इससे सडक़ दुर्घटनाओं में कमी आएगी। साथ ही किसानों की फसलों का भी बचाव होगा। इसके लिए दस बीघा जमीन की आवश्यकता होगी।

214 में से सिर्फ चार ने दिखाई, एक भी नहीं खुली

राज्य सरकार ने 2022-23 के बजट में प्रत्येक ग्राम पंचायत में पशु आश्रय स्थल खोलने की घोषणा की थी। इसके तहत जिले की 214 ग्राम पंचायतों में पशुआश्रय स्थल खोले जाने हैं। पशुपालन विभाग ने निराश्रित गौवंश के लिए पशु आश्रय स्थल खोलने के लिए टेण्डर आमंत्रित किए। पहली बार टेण्डर आमंत्रित करने पर बड़ा भाणुजा, पूठोल और छापली ग्राम पंचायतों ने इसमें रूचि दिखाई। इसमें एक का आवेदन निरस्त कर दिया गया, जबकि छापली ने अभी तक एस्ट्रीटमेंट नहीं दिया है। इसके कारण अभी तक एक भी मूर्त रूप नहीं ले सकी है। इसके पश्चात विभाग की ओर से दूसरी बार टेण्डर आमंत्रित किए गए, लेकिन आचार संहिता के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब विभाग की ओर से गत दिनों तीसरी बार टेण्डर आमंत्रित किए गए है, इन्हें 17 जनवरी को खोला जाना प्रस्तावित है।

यह है योजना

विभागीय जानकारों के अनुसार पशु आश्रय स्थल खोलने के लिए एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे। चयनित संस्था को आधारभूत संरचना निर्माण के लिए राशि दी जाएगी। स्वीकृत एक करोड़ में से 10 प्रतिशत राशि 10 लाख रुपए का योगदान संस्था या गोशाला का रहेगा एवं शेष राशि अनुदान के रूप में गोपालन विभाग के जरिए राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके लिए पांच बीघा जमीन की आवश्यकता होगी।

फिर टेण्डर किए आमंत्रित, कर रहे प्रयास

पंचायत समिति में नंदी गौशाला और ग्राम पंचायत में पशु आश्रय स्थल खोलने के लिए फिर से टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं। पहले भी टेण्डर आमंत्रित किए थे, लेकिन नाममात्र के लोगों ने रूचि दिखाई थी।
  • डॉ. पुरुषोत्तम पत्की, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग राजसमंद
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