यह टाइम लाइन की जारी
- 31 जुलाई तक प्रत्येक ग्राम पंचायत में छात्राओं के अधिकतम नामांकन वाली राजकीय विद्यालय का चिन्हिकरण कर विद्यालय के शौचालय को पिंक टॉयलेट के रूप में विकसित करने के लिए शौचालय नवीनीकरण की प्रशासनिक स्वीकृति जारी करना।
- 15 अगस्त तक तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारम्भ करना।
- 2 अक्टूबर तक उक्त शौचालयों का नवीनीकरण कार्य पंचायतीराज विभाग की ओर से अनुमत योजना के निर्धारित मापदण्ड के अनुसार नवीनीकरण कार्य पूर्ण किया जाना है।
पिंक टॉयलेट की विशेषताएं
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हनुमान सिंह राठौड़ ने बताया कि सभी पंचायतों में बनने वाले पिंक टॉयलेट में महिलाओं एवं लड़कियों के लिये पृथक शौचालय की सुविधा होगी। इसमें पश्चिमी एवं भारतीय सुविधाओं से युक्त शौचालय, दिव्यांग अनुकूल शौचालय, शौचालय में उचित प्रकाश एवं वेन्टिलेशन की सुविधा, नियमित पानी की उपलब्धता, सेनेटरी पैड की उपलब्धता, सैनेटरी पैड इन्सिनरेटर, हाथ धोने के लिए वॉश बेसिन, जिसमें पानी एवं साबुन की निरन्तर उपलब्धता हो, एमएचएम स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर आईईसी संदेश, शौचालयों की विशिष्ठता हेतु पिंक कलर कराया जाएगा।
संचालन एवं रखरखाव की यह रहेगी व्यवस्था
पानी एवं साबुन की निरन्तर उपलब्धता एवं नियमित सफाई की जिम्मेदारी विद्यालय की रहेगी। इसके लिए विद्यालय में एक व्यक्ति की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी, सेनेटरी पेड इन्सीनरेटर के रख-रखाव की जिम्मेदारी गारंटी समय में संबधित आपूर्तिकर्ता की रहेगी, इंसीनरेटर पर जिम्मेदार व्यक्ति के मोबाईल नंबर भी अंकित होंगे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा ऐसे पिंक शौचालयों का नियमित निरीक्षण करना अनिवार्य रहेगा। विद्यालयों में सत्र के प्रारम्भ में समस्त बालिकाओं के लिए इस संबध में एक-एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करवाया जाएगा। सेनेटरी पैड की उपलब्धता महिला एवं बाल विकास विभाग की उड़ान योजना से होगी।