जमीन ढ़ूंढने में लगा दिया इतना समय
अब तक, इस बजट घोषणा के लिए जमीन का चयन चुनौतीपूर्ण रहा है। क्योंकि राजसमंद जैसे क्षेत्र में इस तरह की बड़े पैमाने पर योजना को फलीभूत करने के लिए उपयुक्त भूमि ढूंढना सरल नहीं था। इतन समय लगाने के बाद पीपारड़ा के पास अब जमीन देखी और इसको प्रस्ताव सरकार के पास भेजा। इस बजट घोषणा के धरातल पर आने के बाद इसे स्टोन उद्योग के लिए एक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे ना केवल स्थानीय रोजगार सृजन होगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक स्थिति भी सु²ढ़ होगी।स्टोन मंडी को लेकर नहीं आई कोई गाइड लाइन
वाहवाही लूटने में व्यस्त सरकार राइङ्क्षजग राजस्थान से बाहर नहीं निकल पाई है। यदि घोषणाओं पर तेजी से अमल किया जाए तो इस मार्बल उद्योग को बचाने की दिशा में काम किया जा सकता है। सोचने वाली बात ये है कि राज्य सरकार स्टोन मंडी को लेकर अब तक कोई गाइड लाइन नहीं भेज पाई है। ऐसे में जिले के अधिकारी भी इसको लेकर असमंजस में है कि स्वीकृत होने के बाद इस जमीन पर क्या काम किया जाएगा।इनका कहना है
जिला कलक्टर की ओर से रेवेन्यू विभाग को जमीन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। अभी तक इसको लेकर स्वीकृति नहीं मिली है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी इस दिशा में प्लाङ्क्षनग के साथ काम किया जाएगा।- कुशाग्र, सहायक अभियंता, रीको