फैक्ट फाइल
: 1907 हेक्टेयर झील का डूब क्षेत्र: 1970 हेक्टेयर झील का बफर एरिया
: 30 फीट झील का फुट टैंक लेवल
: 33 फीट अधिकतम वाटर लेवल
: 2500 से अधिक खसरे आ रहे जद में
: 2.82 किमी चौड़ाई और 6.4 किमी लम्बाई
: 1662 से 1676 के बीच झील का हुआ निर्माण
यह होगा फायदा
: राजसमंद झील संरक्षित हो सकेगी: चारदीवारी और प्रोटेक्टेट एरिया बढ़ेगा
: झील के पेटे में अवैध निर्माण नहीं होंगे
: झील संरक्षण के लिए फंड मिल सकेगा
: निकाय को आय बढ़ाने के अवसर मिलेंगे
: झील की सुंदरता आदि के काम हो सकेंगे
यह गांव आ रहे झील के पेटे में
राजसमंद झील के पेटे में कांकरोली, गुड़ली, वासोल, भगवानंदा कला, भगवंदा खुर्द, लवाणा, भाणा, किरणपुर, छापरखेड़ी, मोरचना, पसूंद, सेवाली, राजनगर, मंडावर गांव रूण राजसमंद अ और ब आदि आ रहे हैं। राजसमंद झील का फैलाव और लम्बाई एक समान नहीं है। इसके कारण इसके पेटे में करीब 2500 खसरे आ रहे हैं।डीजीपीएस सर्वे कराया, एक मीटर दूर प्रोटेक्टेट एरिया
नगर परिषद सहायक नगर नियोजक निशा गोस्वामी ने बताया कि नगर परिषद की ओर से जयपुर की फर्म से डीजीपीएस सर्वे कराया गया। झील के एफटीएल (फुल टैंक लेवल) से एक मीटर अधिक बढ़ाकर एमडब्ल्यूएल (अधिकतम वाटर लेवल) लिया गया है। इससे झील के पेटे और इससे एकमीटर की दूरी तक झील संरक्षित रहेगी। इसका सर्वे आदि कराकर सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग को भेजा गया है।झील संरक्षण समिति की बैठक में रखेंगे प्रस्ताव
नगर परिषद की ओर से राजसमंद झील के सीमांकन के लिए सर्वे आदि को सिंचाई विभाग और राजस्व विभाग को भेजा गया है। वहां से बताई कमियों को पूरा कर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में होने वाली झील संरक्षण समिति की बैठक में प्रस्ताव को रखा जाएगा।- दुर्गेश सिंह रावल, आयुक्त नगर परिषद राजसमंद