शहर की हृदयस्थली चौपाटी पर नाले का निर्माण कार्य तीन माह से भी अधिक समय से चल रहा है। उसके बाद यहां पर बिजली की लाइनों को भूमिगत करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया। इसमें चौपाटी, बड़ा बाजार,मंदिर मार्ग आदि क्षेत्र में नाले का निर्माण तो किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद पूरे क्षेत्र में सड़कों की स्थिति के चलते दुकानदारों को दुकानें खोलने में भी परेशानी हो रही है। वहीं विगत 5 माह से लॉकडाउन के बाद से ही आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। ऐसे में लोगों का कहना है कि अगर मंदिर में आम लोगों के लिए दर्शन खुल भी जाते हैं तो दर्शनार्थियों को इन बदहाल मार्गों से गुजरकर ही मंदिर पहुंचना होगा।
क्षेत्र के व्यापारियों ने बताया कि तीन माह के लंबे अंतराल में लॉकडाउन के दौरान भी नाले का निर्माण काफी सुस्त गति से किया। ऐसे में यहां सड़क बनाने में कितना समय लगेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में अगर दर्शन खुल भी जाएंगे तो उनका कारोबार तो फिर भी प्रभावित ही होगा। एक व्यापारी ने बताया कि उसकी दुकान को खोले पूरे पांच माह बीत गए हैं और उसके बाद भी अब मंदिर यदि खोले जाने में देरी होगी तो समस्या तो बढ़ेगी। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि मंदिर के मार्ग को जल्द से जल्द दुरस्त करें।
बड़ा बाजार क्षेत्र में तो अभी भी हालात यह है कि लोगों को जाने-आने में भी पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है। उसके बावजूद बड़ा बाजार में मलबा पड़ा है और नालियों के गंदे पानी से परेशानी हो रही है।
नाले का निर्माण करने में देहली बाजार तक का कार्य करने की प्रस्तावित योजना हैं उसमें अभी तक छोटी धर्मशाला से पहले तक ही नाला बनाया गया है। वहीं सराफा बाजार में भी नाले का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है तो वो कब तक पूरा होगा किसी को पता नहीं।
मंदिर में भी कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण काल के साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालु वैष्णवों को दर्शन के दौरान मंदिर में प्रवेश को एडवाईजरी के अनुसार कराए जाने के लिए व्यवस्था की जा रही है। वहीं मंदिर के अंदर भी कुछ जगहों पर विभिन्न कार्य भी किए जा रहे हैं। ऐसे में मंदिर में सामान आदि ले जाने के लिए ट्रेक्टर आदि की आवाजाही भी पिछले कुछ दिनों से रुकी हुई है। इसके चलते अब आगामी एक सिंतबर को दर्शन खोले जाने को लेकर भी असमंजस बना हुआ है।