दरअसल, योजना से भले ही किसानों को राहत हो, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती बनकर गांवों में सामने आ रही हैं। पम्प कनेक्शनों में अधिकतर उपभोक्ता ऐसे हैं जो काफी बुजुर्ग रहे हैं और उनकी मौत हो चुकी है। मौत के बाद भी खाता उन्हीं के नाम है और बच्चों के नाम पर ट्रांसफर नहीं हुआ। ऐसे में उनका आधार मिल पाना और लिंक कर पाना चुनौती बनकर सामने आ रहा है। इसके लिए बिजली कंपनी के अधिकारी, कर्मचारी आधार जुटाने में लगे हैं।
साथ ही ऐसे उपभोक्ताओं का खाता ट्रांसफर कराने की प्रोसेस में लगे हैं, लेकिन इससे उनका काम काफी हद तक बढ़ गया है। अगले माह से यह योजना अनिवार्य कर दी जाएगी और ऐसे उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल पाएगा जिनका खाता लिंक नहीं है। ऐसे में बड़ी बात यह है कि ऐसे उपभोक्ता जो दुनिया में ही नहीं है और उनके खाते चालु हैं तो वे कैसे आधार लिंक करेंगे और कैसे योजना का लाभ लेंगे।
स्थाई कनेक्शनों पर यूं मिलती है शासन की सब्सिडी
बिजली कंपनी की डीवीटो (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) योजना के अनुसार आधार नंबर से खाते लिंक कर संबंधित किसान या उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी पहुंचाई जाएगी। बता दें कि पांच एचपी के स्थाई कनेक्शन के 1875 रुपए छह माह के लिए लगते हैं। इसका सालभर का कुल बिल 45 हजार से अधिक का होता है। ऐसे में छह-छह माह के 1875 रुपए काटने के बाद शेष राशि सब्सिडी के तौर पर शासन की और से मिलती है। वहीं, साढ़े सात एचपी के कनेक्शन पर 2600 रुपए का बिल छह माह का आता है, करीब 65 हजार रुपए का कुल बिल आता हैं, जिस पर शेष सब्सिडी मिलती है। अब यह कंपनी को न मिलकर उपभोक्ता के खाते में आएगी। यदि खाता लिंक नहीं हुआ तो पूरी राशि उपभोक्ता को ही वहन करना होगी।
अगर लोड बढ़ाया तो नहीं मिलेगी सब्सिडी
पांच, साढ़े सात और 10 एचपी के स्थायी कनेक्शनों के लिए अलग- अलग दरें तय की गई हैं। यदि इसके बाद भी संबंधित उपभोक्ता चोरी छिपे लोड बढ़ा लेते हैं तो वे योजना से बाहर हो जाएंगे। यानि उन्हें शासन की ओर से मिलने वाली इस सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा। साथ ही आधार भी यदि लिंक नहीं हुआ तो सब्सिडी के तौर पर मिलने वाली राशि उन्हें नहीं निल पाएगी। गांवों में लोग कन्फ्यूज भी हो रहे और बिजली कंपनी के अधिकारियों, कर्मचारियों को आधार मुहैया कराने में भी आनाकानी कर रहे हैं, जिससे उन्हें काफी दिक्कत हो रही है।
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सब्सिडी के लिए आधार लिंक जरूरी
मप्र शासन की इस योजना के तहत हर उपभोक्ता का आधार लिंक होना जरूरी है। अभी गांवों में पुराने कनेक्शनों में दिक्कतें आ रही है और उपभोक्ता भी जानकारी नहीं दे रहे, लेकिन हमारी टीमें लगी हुई है। उपभोक्ता खुद तय कर लें उन्हें लाभ तभी मिलेगा जब उनका आधार लिंक होगा।
-एमके मिश्रा, जेई, ग्रामीण, बिजली कंपनी ब्यावरा