महंगी शादी पर टैक्स चोरी किए जाने की आशंका को देखते हुए जीएसटी का अमला सक्रिय हो गया है। हालांकि उन्हें इसका लाभ मिलेगा जो वेडिंग पैकेज के तहत शादी करेंगे। इसके लिए उन्हें अलग से बार-बार टैक्स नहीं देना पड़ेगा। बल्कि पैकेज के तहत संभावित खर्च और उस पर टैक्स देना पड़ेगा।
वैवाहिक सीजन को देखते हुए मैरिज पैलेस और भवनों की बुकिंग चल रही है। शादीवाले घरों के लिए सबसे बड़ी परेशानी 12 से लेकर 18% तक टैक्स निर्धारित किया गया है, जिससे लोगों का बजट बिगड़ने के साथ ही अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ेगा। एक शादी में औसतन संभावित 6 लाख रुपए के खर्च के अनुसार 1 लाख रुपए से ज्यादा का टैक्स देना पड़ेगा। इसके चलते उन्हें कुछ सुविधाओं में कटौती करना पड़ सकता है। बता दें कि जीएसटी और आईटी की टीम टैक्स चोरी करने वाले वीआईपी रोड स्थित मैरिज पैलेस के साथ ही आधा दर्जन से ज्यादा वैडिंग प्लानर एवं इवेंट मैनेजर के ठिकानों पर सर्वे कर चुकी है।
देना होगा टैक्स जीएसटी लेने का अधिकार केवल उन्ही वेंडर और सप्लायर को है, जो रजिर्स्ड है। इसका भुगतान जीएसटी देने के पहले जांच जरूर कर लें। सामानों की खरीदी करने पर जीएसटी द्वारा निर्धारित टैक्स का भुगतान करना पड़ता है। इसकी चोरी करने पर पकड़े जाने पर पेनाल्टी सहित देनी पडे़गा।
चेतन तरवानी, सीए एवं इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष