बच्चों ने बताया कि वेन में 15-17 बच्चे सवार थे और चालक द्वारा वेन तेज गति से चलाया जा रहा था। वहीं एक बच्चे के पालक ने बताया कि वे पूर्व में भी अन्य पालकों के साथ वाहन चालक को चेतावनी दे चुके हैं उसके बावजूद चालक की लापरवाही कम नहीं हुई। इधर बच्चों को इलाज का सारा खर्च परिजन ही उठा रहे हैं। इस संबंध में स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष कोमल सोनकर से बात की गई तो उन्होंने कहा इसमें स्कूल प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं है। स्कूल समिति ने कहा कि सहायता की मांग पर स्कूल प्रशासन मदद करेगा। वहीं वाहन मालिक लोकनाथ सोनकर ने कहा बच्चों के इलाज में जो भी खर्च होता है उसे पालकों के साथ बात करके पूरी तरह से मदद करेंगे।
बता दे की घटना को लेकर स्कूल प्रशासन के लापरवाही सामने आई है। घटना के बाद स्कूल प्रशासन द्वारा वेन में सवार बच्चों की संख्या और वाहन चालक के संबंध में सही जानकारी नहीं दी थी वहीं घटना को लेकर पालकों में आक्रोश देखा गया।
लोगों में आक्रोशनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को लेकर लोगों में आक्रोश देखा गया। सरकार के लाखों प्रयासों के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं का दम निकल रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नदारद रहते हैं। इस वजह से मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। घटना के बाद बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे, तो यहां एक भी डॉक्टर नहीं था। वैसे तो 26 जनवरी के अवसर पर शासकीय अवकाश रहता है, लेकिन आपतकालीन समय पर डॉक्टर का न पहुंचना चिंताजनक विषय है।
बता दें कि नगर के एकलौता सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेफर सेंटर बन गया है। स्वास्थ्य सुविधा यहां कुछ नहीं है।
लापरवाह वाहन चालक की छुट्टीस्कूल के प्राचार्य निखिल दास ने बताया कि वैन (टाटा मैजिक) में 15 बच्चे सवार थे। सभी बच्चे सुरक्षित है, कुछ बच्चे घायल हुए थे, जो उपचार के बाद सुरक्षित घर लौट गए हैं। प्राचार्य दास ने बताया कि लापरवाह वाहन चालक को निकाला जाएगा।