मिली जानकारी के अनुसार बेमाता निवासी कलीराम साहू के तीन बेटे और एक बेटी है। बेटी आशा देवी की शादी लगभग 25 साल पूर्व चिचोली निवासी असवंतदास साहब के साथ हुई थी। पिता अपनी से तीन बेटों के साथ बेटी को भी हिस्सेदार बनाया और सभी के नाम जमीन का बंटवारा कर दिया। पिता के द्वारा बेटी को हिस्सा दिए जाने से आशा के भाई नाराज थे।
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इस बात पर हुआ था विवाद
एक माह पूर्व 5 सितंबर को आशा अपने नंदोई, देवरानी और एक अन्य रिश्तेदार के साथ जमीन बेचने के लिए एक खरीदार को दिखाने मौके पर गई थी। तभी आशा के भाई आत्माराम साहू, विश्राम साहू, सनत साहू और मुकेश साहू राड और डंडे लेकर पहुंच गए। सभी यह कहकर धमकाने लगे कि यह जमीन हम बेचने नहीं देंगे। आशा देवी के विरोध करने पर सभी ने मिलकर उनके और साथ मौके पर उपस्थित रिश्तेदारों के साथ जमकर
मारपीट की और राड और लाठियां से हमला कर दिया। इस हमले में आशा के नंनद के पति गोविंद साहू का हाथ फैक्चर हो गया।
सभी जेल गए
उधर घटना स्थल से जान बचाकर थाना पहुंची आशा देवी ने आरोपी भाइयों और भतीजे के खिलाफ नाम जद रिपोर्ट दर्ज कराई। जब आरोपियों को पता चला कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है तो वे सभी फरार हो गए। नेवरा पुलिस लगातार उनकी तलाश कर रही थी, तभी पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी दिवाली मनाने घर में आए हैं। पुलिस ने दबिश देकर आरोपियों को पकड़ लिया और उनके निशान देहि पर मारपीट के दौरान इस्तेमाल की गई राड और डंडे को जब्त कर विधिवत रूप से आत्माराम साहू पिता कलीराम साहू (49), विश्राम साहू पिता कलीराम साहू (42), सनत साहू पिता कलीराम साहू (39), मुकेश साहू पिता आत्माराम साहू (26) सभी ग्राम बेमता को गिरतार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।