इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि दुकानों का न्यूनतम नीलामी रेट 20 व 35 लाख है। उनके मुवक्किल आर्थिक तौर पर इतने सक्षम नहीं हैं। इसलिए उनको पूर्व की तरह ही दुकान रेंट लीज पर दी जाए। इस पर कोर्ट ने मामले में दोनों पक्षों को विचार करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई सोमवार को तय की है। इस दौरान कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मामला सुभाष स्टेडियम का है, इसलिए सिर्फ वहीं की दुकानों की नीलामी पर रोक रहेगी। बाकी और जगहों पर नीलामी प्रक्रिया निगम कर सकता है। रायपुर में निगम 12 जगहों पर दुकानें नीलाम कर रहा है।
यह है मामला नगर निगम रायपुर ने वर्ष 2014 में सुभाष स्टेडियम का पुनर्निर्माण करने व इसमें दुकान नही बनाने का निर्णय लेते हुए दुकानों की रेंट लीज निरस्त कर दी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर लीज रेंट निरस्त करने को गलत बताया गया है। याचिकाकर्ताओं को अन्य जगह दुकान भी नहीं दी गई। 2017 में सुभाष स्टेडियम का पुनर्निर्माण पूरा किया गया। इसके साथ निगम ने मार्च 2020 में सुभाष स्टेडियम की दुकानों को बेचने की सूचना प्रकाशित कराई। इस प्रक्रिया में भी पूर्व के आदेशों का पालन नहीं किया गया। याचिका में कहा गया है कि रेंट लीज में दुकान लेने वालों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।