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रायपुर

शॉर्क टैंक वाले अमन बोले- आईआईटी-आईआईएम नहीं, हुनर बनाएगा बड़ा आदमी

रायपुर में एक कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुरApr 07, 2024 / 11:44 pm

Tabir Hussain

शॉर्क टैंक वाले अमन बोले- आईआईटी-आईआईएम नहीं, हुनर बनाएगा बड़ा आदमी

रायपुर में कार्यक्रम के दौरान अमन गुप्ता।

ड्राप आउट होना आजकल का फैशन बन गया है। मेरी सलाह है कि बेसिक एजुकेशन पूरी करो। पैसा है तो स्टार्टअप कर सकते हैं, लेकिन नहीं है तो कमा कर ही आप पैसा जमा कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि एनआईटी, आईआईटी या आईआईएम का ठप्पा मिले तभी आदमी सफल हो, व्यक्ति को बड़ा उसका हुनर बनाता है। बिना फंडिंग से भी अच्छा बिजनेस बना सकते हैं। ये बिजनेस पर निर्भर करता है कि उसे ग्रो करने के लिए फंड की जरूरत है कि नहीं। यह कहा बोट के को- फाउंडर और बिजनेस रियलिटी शो शॉर्क टैंक इंडिया के जज अमन गुप्ता ने। राजधानी में आयोजित एक प्रोग्राम में वे बोल रहे थे। अमन ने अपनी बातचीत बहुत ही रोचक अंदाज में की। वे कई गंभीर बातों को हल्के-फुल्के अंदाज में कह गए।
फेलियर से मिलती है सीख

मेट्रो सिटी से ज्यादा बढऩे की इच्छा छोटे शहरों के लोगों में होती है। यही समय है बड़ा सोचें। फेलियर बहुत जरूरी है। बिना इसके सक्सेस का पता नहीं चलता। जितना मैं फेलियर से सीखा, उतना एमबीए से नहीं।


सेलेब्रिटी किसी के सगे नहीं होते

ब्रांड के लिए सेलेब्रेटी हायर करने को लेकर अमन ने कहा कि सेलेब्रेटी से प्रोडक्ट की सेल नहीं बढ़ती। हां, इतना जरूर है कि सोशल मीडिया में उनके फॉलोअर्स तक प्रोडक्ट की जानकारी पहुंच जाती है और उनमें अवेयरनेस आती है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि सेलेब्रेटी किसी का सगे नहीं होते। आज इसके तो कल उसके। लोग प्रोडक्ट खरीदते है, क्योंकि वह उसे अच्छा लगता है।

अंगुली दी तो हाथ ही पकड़ रहे

क्वेश्चन-आंसर राउंड में एक महिला ने एक साथ कई सवाल पूछ डाले। इस पर चुटकी लेते हुए अम ने कहा कि अंगुली दी तो हाथ ही पकड़ लिया। जवाब में उन्होंने कहा कि मैं कभी अलार्म लगाकर नहीं सोता। आराम से उठना अच्छा लगता है। जैसे जंगल में शेर अलार्म नहीं लगाता। मैं सिर्फ शार्क टैंक में इन्वेस्ट करता हूं। हफ्ते में 2 घंटे फाउंडर, फिर बोट और परिवार को देता हूं। आजकल मुझे रील्स देखने का शौक चढ़ गया है, जिसे कंट्रोल करना है, क्योंकि मुझे स्पोट्र्स के लिए टाइम नहीं मिल रहा है।

ब्रांड बनने के बाद भी चुनौतियां

जीवन में चैलेंजेस कभी खत्म नहीं होते, बस इनका स्वरूप बदलता रहता है। स्टार्टअप ब्रांड बन जाने के बाद भी मार्केट में बने रहने के लिए उसके अपनी चुनौतियां होती है। मैंने जब शुरुआात की तब भी बहुत चुनौतियां रही, सफलता की बात तो छोड़ो, इन्वेस्टर कम थे, बैंक से लोन भी नहीं मिलता था। मेरा कोई रोल मॉडल या गाड फादर नही है। लेकिन मुझे अच्छा लगता है कि मैं किसी दूसरे की मदद कर सकूं।


सास-बहू के शो से अच्छा है शार्क टैंक देखना

मुझे अभी भी लगता है कि मेरे पास बहुत समय है। छोटे-छोटे ब्रांड भी ओवरनाइट ग्रो कर जाते हैं। सास बहू से अच्छा शार्क टैंक देख रहे है, यह अच्छा है। विकसित भारत मे स्टार्टअप बहुत बड़े रोल निभाएंगे। आपका बिजनेस अच्छा है, अच्छी स्टोरी और मेहनत है तो शार्क टैंक में जरूर जा सकते हैं। मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि रायपुर से कोई शार्क टैंक आए मैं इन्वेस्ट कर दूंगा, आप दूसरे के ऑफर को मना कर देना।
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