Year Ender 2024: मोतियाबिंद कांड, MBBS की पढ़ाई हिंदी में.. साल 2024 में छत्तीसगढ़ में हुए ये बड़े बदलाव
Year Ender 2024: पत्रिका ने योजना के दुरुपयोग पर लगातार खबरें भी प्रकाशित की। जिस पर शासन सख्त हुआ और लगाम लगाई। इसके अलावा बीते वर्ष एनआरआई कोटे में खेल हुआ।
Year Ender 2024: साल 2024 का स्वास्थ्य औसत रहा। कुछ हैल्थ सेक्टर की कुछ अच्छी खबरों और विकास के कार्यों को मंजूरी ने राजधानी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ की जनता को राहत दी। बीते वर्ष कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के कार्ड का उपयोग एटीएम कार्ड की तरह किया।
Year Ender 2024: 27/10/2024: आंबेडकर अस्पताल में इलाज
27 अक्टूबर 2024 को दंतेवाड़ा में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंखों में संक्रमण के कारण 17 मरीजों को आंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, इंफेक्शन पूरी तरह कंट्रोल में आ गया, लेकिन देरी के चलते विजन नहीं के बराबर है। राहत इतनी ही रही कि मरीकों की आई बॉल निकालना नहीं पड़ी है। जिनकी कार्निया खराब थी, उनका ट्रांसप्लांट किया गया है। मरीजों को महंगी दवाइयां उपलब्ध कराई गईं, ताकि एक आंख की रोशनी तो लौट सके।
2153 करोड़ का हुआ इलाज! बेलगाम क्लेम पर कसी लगाम
2024 के साल आयुष्मान भारत योजना में 2153 करोड़ रुपए का इलाज हुआ है। कुछ छोटे-बड़े अस्पतालों ने भी बड़ा भुगतान लेकर खूब चांदी कूटी। पत्रिका के लगातार खबरें प्रकाशित करने के बाद शासन की ओर से क्लेम की जांच की जा रही है। योजना का दुरुपयोग करने वाले अस्पतालों के खिलाफ शासन ने कार्रवाई भी की। जुर्माना लगाने के साथ कुछ अस्पतालों का पंजीयन रद्द किया गया है। इनमें कस्बाई अस्पताल भी शामिल हैं।
निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई के लिए 15 फीसदी आरक्षित सीटों पर एजेंटों का खेल खूब चल रहा है। पत्रिका ने स्टिंग ऑपरेशन कर एजेंटों के खेल को उजागर किया। एजेंट 1.13 करोड़ लेकर सीधे एडमिशन का दावा कर रहे थे। चिकित्सा शिक्षा विभाग व कॉलेज वालों ने कहा कि एडमिशन काउंसलिंग से मेरिट के अनुसार होगा। एजेंटों के बहकावे में न आएं। पत्रिका के अभियान के बाद अगले साल से काउंसलिंग दिल्ली से होगी। यानी एनआरआई की सीटें दिल्ली से बांटी जाएंगी। इसमें एजेंटों की भूमिका खत्म हो जाएगी।
एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी माध्यम में भी कराने का फैसला
प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों को हिंदी माध्यम में एमबीबीएस पढ़ने की सुविधा मिली। 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर सीएम विष्णुदेव साय व स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने इसकी घोषणा की। मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ दूसरा राज्य बना, जहां एमबीबीएस हिंदी में भी कर सकेंगे।
इससे आदिवासी व पिछड़े व वनक्षेत्र के वे बच्चे भी नर्स-डॉक्टर बन सकेंगे, जो आर्थिक तंगी व सुविधा के अभाव में अंग्रेजी में पढ़ाई नहीं कर सके। हालांकि अभी तक ज्यादातर कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई शुरू नहीं हुई है। मॉडल किताबें आईं हैं, जिस पर गठित कमेटी ने राय दी है। डॉक्टरों ने भी किताबों की समीक्षा की है। दरअसल, देश में हिंदी में एमबीबीएस की किताब प्रकाशित करने वाले प्रकाशक गिने-चुने ही हैं।
07/02/2024: ऑपरेशन टेबल पर रुपए मांगे
Year Ender 2024: पचपेड़ीनाका स्थित एक निजी अस्पताल में 7 फरवरी को महासमुंद जिले के 9 मरीजों को ओटी से बिना मोतियाबिंद सर्जरी के लौटाने का मामला आया था। मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन पर अच्छे लेंस के नाम पर 6 से 7 हजार रुपए मांगने का आरोप लगाया था। पैसे नहीं देने पर 6 घंटे इंतजार कराने के बाद भी मरीजों का ऑपरेशन नहीं किया गया। अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम ने हैल्थ डायरेक्टर से जांच का अनुरोध किया था। जांच के बाद निजी अस्पताल का एमओयू रद्द कर दिया गया।
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