scriptकरे कोई-भरे कोई… 2470 मिलरों से चावल लेना बंद, कारोबारियों को हुआ लाखों का नुकसान | Rice stopped from 2470 millers, traders suffered loss worth lakhs | Patrika News
रायपुर

करे कोई-भरे कोई… 2470 मिलरों से चावल लेना बंद, कारोबारियों को हुआ लाखों का नुकसान

Rice Millers : धान कटकर चावल बनने को तैयार है। लेकिन, एफसीआई इसमें रोड़ा बनकर खड़ा है।

रायपुरDec 18, 2023 / 08:57 am

Kanakdurga jha

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CG Rice Millers: धान कटकर चावल बनने को तैयार है। लेकिन, एफसीआई इसमें रोड़ा बनकर खड़ा है। एफसीआई ने 2430 राइस मिलरों का चावल लेने से इनकार कर दिया है क्योंकि महज 70 राइस मिलरों ने पिछले साल का चावल अब तक जमा नहीं कराया। कुल मिलाकर कहानी करे कोई-भरे कोई पर अटक गई है।
प्रदेश में इस बार 1.20 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा रहा है। इस लिहाज से राइस मिलर अभी कस्टम मिलिंग में इस कदर उलझे होते कि दूसरे कामों के लिए मिनटभर की फुर्सत नहीं होती। लेकिन, ऐसा नहीं है। राइस मिलर मंडियों से धान उठा तो सकते हैं, लेकिन एफसीआई को चावल नहीं दे सकते।
इसका कारण 70 राइस मिलर हैं जिन्होंने अब तक पिछले साल का 50 हजार टन चावल जमा नहीं कराया। ऐसा नहीं है कि इऩ्हें पर्याप्त समय नहीं मिला। खरीफ विपणन वर्ष अक्टूबर से शुरू होता है। पिछला स्टॉक जमा कराने सितंबर तक का समय था। लेकिन, महज 70 मिलरों के चलते पुराने स्टॉक का चावल जमा कराने की मियाद दिसंबर तक बढ़ा दी गई। इधर, 2470 मिलरों से नया चावल न खरीदकर उन्हें सजा दी जा रही है।
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कायदे से बैंक गारंटी जब्त होती, पूरे मामले में जांच की जरूरत

नियम के तहत जो राइस मिलर तय समय पर चावल जमा नहीं करते, उनकी बैंक गारंटी जब्त की जाती है। बीते दिनों में रायगढ़ में ऐसी कार्रवाई हो चुकी है। लेकिन, यहां 70 मिलरों की बैंक गारंटी जब्त करने के बजाय मियाद बढ़ा-बढ़ाकर उन्हें छूट दी जा रही है। शासन को चाहिए कि जांच करवाकर ये पता करे, पुराना स्टॉक है भी या मिलर हजम कर गए।
नुकसान केवल राइस मिलरों का नहीं, सरकार का भी होगा

केंद्र के इस फैसले से केवल राइस मिलरों को घाटा नहीं होगा। सरकार को भी नुकसान उठाना होगा। वो ऐसे कि ज्यादा समय तक पड़े रहने से धान में सूखत आएगी। जिन्होंने धान से चावल निकाल लिया, उनके चावल में सूखत आएगी। नतीजतन मिलरों को तो करोड़ों का नुकसान होगा ही, शासन को भी तय मात्रा से काफी कम चावल मिलेगा।
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राज्य की सिफारिश पर केंद्र ने पुराने स्टॉक का चावल जमा कराने की मियाद बढ़ाई है। देखने में आता है कि मिलर पुराने चावल में नया चावल मिलाकर सप्लाई कर देते हैं। इस कालाबाजारी को रोकने ही केंद्र ने पुराने स्टॉक का चावल दिसंबर तक जमा कराने के आदेश दिए हैं।
– देवेश यादव, जीएम, एफसीआई

केंद्र के आदेश में कहीं भी 2023-24 का चावल नहीं लेने का जिक्र नहीं है। एफसीआई खुद ही चावल लेने से इनकार कर रहा है। जहां तक कालाबाजारी रोकने की बात है तो एफसीआई के पास गोदाम की कमी नहीं। पुराने और नए स्टॉक का चावल अलग-अलग रख सकते हैं।
– परमानंद जैन, राइस मिलर

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