नवा रायपुर स्थित एनएचएम कार्यालय इन दिनों सुर्खियों में है। सुर्खियां केवल इसलिए नहीं कि एमडी ने 99 पदों की भर्ती अपरिहार्य कारण बताकर रद्द कर दी है, बल्कि अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा राष्ट्रपति, मुख्य चुनाव आयुक्त, सीएस व एसीएस हैल्थ को भेजे मेल से भी है। इस मेल में एमडी सोनकर पर आचार संहिता उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने व लेखा प्रबंधक राकेश देवांगन की हार्ट अटैक से मौत पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की गई है।
एक-एक कर अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर करने को आचार संहिता का उल्लंघन बताया गया है। इस पर शासन ने एमडी को नोटिस देकर दो घंटे में जवाब मांगा था। जवाब देने की मियाद 10 अप्रैल को ही पूरी हो गई है। वहीं 99 पदों पर संविदा भर्ती के लिए दस्तावेज परीक्षण, कौशल परीक्षण व इंटरव्यू तक हो चुका था। केवल चयन सूची जारी करनी थी। कुछ अभ्यर्थियों ने बड़े अधिकारी पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है।
अक्टूबर 2021 में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसमें राज्य स्तर पर 10 व जिला स्तर पर 89 पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें इपिडिमियोलॉजिस्ट को हर माह 60500 रुपए, स्टेट कंसल्टेंट को 45 हजार रुपए, प्रोग्राम असिस्टेंट को 24500 रुपए वेतन दिया जाना था। एनएचएम ने 25 हजार या इससे कम वेतन वालों को 100 से 300 रुपए शुल्क लिया है। वहीं 25 हजार से ज्यादा वेतन वाले पदों के लिए 200 से 400 रुपए शुल्क लिया गया है। विकलांगों, एसटी, एससी व महिलाओं के लिए 100 से 200 रुपए, ओबीसी के लिए 200 से 300 रुपए व जनरल के लिए 300 से 400 रुपए शुल्क जमा कराया गया है। ये शुल्क वापस किया जाएगा या नहीं, इस पर संशय है। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने सवाल भी उठाए हैं।