सरकारी बैंकों से ‘मे आई हेल्प यू’ का बोर्ड गायब
इधर बैंकों में आए दिनों सर्वर डाउन और लिंक फेल होने की भी समस्या देखी जा
रही है, जिसके कारण अन्य बैकिंग कार्य प्रभावित हो रही है।
रायपुर. सरकारी बैंकों में ‘मे आई हेल्प यू’ का बोर्ड लगभग गायब हो चुका है, जिसके कारण राष्ट्रीयकृत बैंकों में लोगों को अपने बैकिंग कार्य संबंधित सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। एक से दूसरे काउंटर चक्कर काटना और छोटे-छोटे कार्यों के लिए दूसरे दिन का इंतजार करना आम बात हो गई है। यह स्थिति कमोबेश 70-80 फीसदी शासकीय बैंकों की शाखाओं में है, जहां ग्राहक सेवा अधिकारी दिखाई ही नहीं देते। इधर बैंकों में आए दिनों सर्वर डाउन और लिंक फेल होने की भी समस्या देखी जा रही है, जिसके कारण अन्य बैकिंग कार्य प्रभावित हो रही है।
ग्राहक बढ़े, लेकिन सुविधाएं नहीं
बैंकों में लगातार ग्राहकों की संख्या में वृद्घि होने के बाद भी शाखाओं में सुविधाएं नहीं बढ़ाई गई। एटीएम मशीन में खराबी के साथ सर्वर की मंद गति सहित अन्य तकनीकी दिक्कतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।
गार्ड से पूछ रहे ग्राहक
बैंकों में ग्राहक सेवा अधिकारी का पद भी गायब होता जा रहा है। प्राइवेट बैंकों में निजी सुरक्षा गार्ड को कस्टमर केयर अधिकारी के रूप में ट्रेनिंग देने का फॉर्मूला राष्ट्रीयकृत बैंकों ने भी अपना लिया है।
बैंकों में अब ज्यादा छुट्टी
दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश होने के कारण बैकिंग कार्यों के लिए लोगों को चार से पांच दिन का ही समय मिल पा रहा है। महीने में सरकारी छुट्टियां होने की स्थिति में लोगों को तीन दिन ही मिल पा रहा है।
केस-1
मोतीबाग रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा में भी पासबुक प्रिंटिंग मशीन खराब पड़ी हुई है, जिसके कारण लोगों को सेल्फ सर्विस नहीं मिल पा रही है। अधिकारी भी अब ग्राहकों को मैनुअल प्रिटिंग से कन्नी काट रहे हैं।
केस-2
एसबीआई फाफाडीह स्थित शाखा में प्रिंटिंग मशीन खराब होने की शिकायत की गई तो अधिकारियों ने कहा कि सर्वर पर दबाव होने की वजह से यह स्थिति निर्मित होती है। यहां भी इसी तरह की समस्या देखी जा रही है। लोग वापस लौट रहे हैं।
पासबुक प्रिटिंग मशीन में आई खराबी
नए वर्ष की शुरुआत के साथ ही ज्यादातर बैंकों में पासबुक प्रिंटिंग मशीन में खराबी देखने को मिल रही है। चाहे रुपए जमा करना हो या निकालना, लिंक फेल होने पर लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
ग्राहक सेवा में कमी का कारण यह :
1. बैंक खाता खोलने का टारगेट, लेकिन सर्विस की नहीं
2. लोन बांटने में ज्यादा ध्यान
3. आउटसोर्सिंग बढ़ी
4. बैंकों में कर्मचारियों की कमी
5. बड़ी इंडस्ट्रीज की ओर ध्यान ज्यादा
बैकिंग इंडस्ट्रीज ने भविष्य की रूपरेखा तैयार नहीं की है, जिसके कारण ग्राहकों की संख्या के मद्देनजर उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आउटसोर्सिंग भी ग्राहक सेवा में कमी का बड़ा कारण है।
शिरीष नलगुंडवार, सहायक महासचिव, छग बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन
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