कांग्रेस 7 जुलाई के बाद प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में मोदी सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन (Protest) करेगी।जिसमे चावल एवं केरोसिन कोटे में कटौती, शक्कर के उठाव में प्रतिबंध के विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ के अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे।
Chhattisgarh : निजी उत्पादकों से बिजली खरीदने के तैयारी में विभाग, जुलाई में करना पड़ सकता है समस्या का सामना उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम (Ramvichar Netam) के द्वारा सदन में पूछे सवाल के जवाब में मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के 40 हजार घरों में बिजली की कनेक्शन नहीं होने की जानकारी दी। बिजली नहीं होने के कारण उन घरों को करोसिन के दीपक जलाकर रोशनी की जाती है।
साथ ही मोदी सरकार के इस फैसले को छत्तीसगढ़ विरोधी बताते हुए कहा पहले दाल भात केन्द्रों का चावल बंद किया गया। शक्कर कारखानों से शक्कर उठाना बंद किया गया, अब छत्तीसगढ़ के कैरोसीन मिट्टी तेल कोटे में कटौती जैसे गरीब विरोधी फैसलों से छत्तीसगढ़ को नुकसान पहुंचाया है।
AIIMS में निकली बंपर भर्ती, काबिल उम्मीदवार कमा सकते हैं 1.5 लाख तक वेतन लगभग 13 लाख राशन कार्डों के धारकों को कैरोसीन का वितरण प्रभावित हो गया। छत्तीसगढ़ को केरोसिन आवंटन कोटे को वर्तमान 1.15 लाख किलोलीटर से 1.58 लाख किलोलीटर किए जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2016 से आरंभ उज्जवला योजना (Ujjwala Yojna) में 26.79 लाख कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा है कि भारत सरकार की नीति अनुसार उज्जवला योजनान्तर्गत वितरित कनेक्शनों की संख्या में वृद्धि के आधार पर राज्य (Chhattisgarh) को केरोसिन का आबंटन 1.72 लाख लीटर के स्थान पर 1.15 लाख किलोमीटर कर दिया गया है। पहली तिमाही 28764 कि.लि. दिया गया, दूसरी तिमाही 17880 कि.लि. किया गया, जिससे 38 प्रतिशत की कटौती की गई।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CG CM Bhupesh Baghel) ने 26 मार्च 2019 को पत्र लिखकर कैरोसीन की कोटा बढ़ाने की मांग की थी। छत्तीसगढ़ को 2015-16 कैरोसिन मिट्टी तेल 1.7 लाख किलि. दिया जाता था, जिसे 2018-19 में 1.15 लाख किलि. करने की मांग की है। राज्य को आंबटित अपर्याप्त कोटे के कारण 12.90 लाख राशनकार्ड धारकों को केरोसिन का वितरण नहीं हो पा रहा है।
एलपीजी सिलेंण्डरो (LPG) के रिफिल कीमत के युक्तियुक्तकरण होते तक तथा एलपीजी वितरकों की संख्या में पर्याप्त प्रसार होने तक ईधन के रूप में केरोसिन की आवश्यकता बनी रहेगी। केरोसिन की मात्रा में कटौती से छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरीब परिवारों को अत्याधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
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