कैसे सहायक है प्रोन पॉजीशन
डॉक्टरों के मुताबिक प्रोन पॉजीशन एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में इस्तेमाल में लाई जाती है। इस सिंड्रोम की वजह से फेफड़ों के निचले हिस्से में पानी आ जाता है। पानी की वजह से ऑक्सीजेशन व कार्बन डाई ऑक्साइड को निकलने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर प्रोन पॉजीशन का सहारा लेते हैं। इससे फेफड़े में खून का प्रवाह सामान्य तरीके से होना शुरू जाता है।
परिजनों की जिम्मेदारी
अगर, आपके परिवार में या आस-पड़ोस में किसी भी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो तत्काल उन्हें पेट के बल लिटा दें। अस्पताल ले जा रहे हैं तो गाड़ी में पेट के बल लिटाकर ही ले जाएं। ताकि ऑक्सीजन लेवल गिरे न।
30 प्रतिशत मौतें सांस उखड़ने की वजह से
राज्य में अब तक कोरोना की वजह से 1040 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 300 से अधिक मरीजों की मौत की वजह सांस लेने में तकलीफ पाई गई है, जो कुल मौतों का 30 प्रतिशत के करीब है। यही वजह है कि सरकार 5 हजार ऑक्सीजनयुक्त बेड और बढ़ा रहा है।