scriptकोरोना के गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी है ‘प्रोन पॉजीशन’, जानिए कैसे मिलता है लाभ | Oxygen level increased in Severe corona patients due to prone position | Patrika News
रायपुर

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी है ‘प्रोन पॉजीशन’, जानिए कैसे मिलता है लाभ

– ऑक्सीजन और वेंटिलेटर न मिलने से हो रही कोरोना मरीजों (Corona Patients) की मौतें- 15-20 मिनट पेट के बल लेटने से कोरोना के गंभीर मरीजों को मिलेगी ‘संजीवनी’

रायपुरOct 07, 2020 / 02:43 pm

Ashish Gupta

prone_position.jpg

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी है ‘प्रोन पॉजीशन’, जानिए कैसे मिलता है लाभ

रायपुर. कोरोना वायरस (Coronavirus) सीधे मनुष्य के फेफड़ों पर हमला करता है। फेंफड़ों में संक्रमण हुआ, तो सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है। और अगर ऑक्सीजन लेवल 92-90 प्रतिशत से नीचे उतरने लगा तो समझो खतरा बढ़ने लगा है। आज स्थिति यह है कि 10 में से 3 मरीजों की मौत ऑक्सीजन लेवल गिरने, समय पर ऑक्सीजन और वेंटीलेटर न मिलने की वजह से हो रही है। डॉक्टर मानते हैं कि ऐसी स्थिति में ‘प्रोन पॉजीशन’ (Prone Position) संजीवनी का काम करती है। 15-20 मिनट पेट के बल लेटने पर ऑक्सीजन लेवल सामान्य हो जाता है। इसे कोरोना मरीजों को 7-8 घंटे के अंतराल में करते रहना चाहिए।
यात्रियों के लिए अच्छी खबर, हावड़ा से मुंबई के बीच आज से चलेगी ये स्पेशल ट्रेन

डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा मानते हैं कि यह तकनीक फेफड़ों के मरीजों के लिए पहले से इस्तेमाल में लाई जाती रही है। मगर, कोरोना मरीजों में यह बहुत कारगर साबित हो रही है। वे बताते हैं कि फेफड़े पीछे की तरफ होते हैं। पेट के बल लेटने से वेंटीलेटर परफ्यूजन इंडेक्स में सुधार आता है।

कैसे सहायक है प्रोन पॉजीशन
डॉक्टरों के मुताबिक प्रोन पॉजीशन एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में इस्तेमाल में लाई जाती है। इस सिंड्रोम की वजह से फेफड़ों के निचले हिस्से में पानी आ जाता है। पानी की वजह से ऑक्सीजेशन व कार्बन डाई ऑक्साइड को निकलने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर प्रोन पॉजीशन का सहारा लेते हैं। इससे फेफड़े में खून का प्रवाह सामान्य तरीके से होना शुरू जाता है।

ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 13 सौ गाड़ियों के लाइसेंस निलंबित

परिजनों की जिम्मेदारी
अगर, आपके परिवार में या आस-पड़ोस में किसी भी व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो तत्काल उन्हें पेट के बल लिटा दें। अस्पताल ले जा रहे हैं तो गाड़ी में पेट के बल लिटाकर ही ले जाएं। ताकि ऑक्सीजन लेवल गिरे न।

30 प्रतिशत मौतें सांस उखड़ने की वजह से
राज्य में अब तक कोरोना की वजह से 1040 मौतें हो चुकी हैं। इनमें से 300 से अधिक मरीजों की मौत की वजह सांस लेने में तकलीफ पाई गई है, जो कुल मौतों का 30 प्रतिशत के करीब है। यही वजह है कि सरकार 5 हजार ऑक्सीजनयुक्त बेड और बढ़ा रहा है।

Hindi News / Raipur / कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए संजीवनी है ‘प्रोन पॉजीशन’, जानिए कैसे मिलता है लाभ

ट्रेंडिंग वीडियो