CG govt School Teacher: टीचर ने लिखा ये गाना
रजनी ने बताया, हल्बी में गीत लिखे जाने के पीछे मकसद यह था कि बस्तर के सुदूर अंचल में हल्बी बोली जाती है और समझी जाती है। ( CG Halbi song ) इस गीत को बनाते समय मुय बातों का ध्यान रखी गई है कि उसमें बस्तर के मापक शब्द जैसे कोरी और कबरा, गजामूंग पीठा, महुआ, धान की प्रजाति सरना और पैरा को कविता में शामिल किया गया है। साथ ही पारंपरिक खानपान बकरा-भात जैसे शब्द लिए गए हैं। ये है गीत
पेज,बकरा गजामूंग, कोरी कोर पीठा, महुआ बीजा बिसाहा सक्ति धरा उठा सुकलो,कोंडा,बस्तर बालो महासमुंद और खैरा कबरा होली सूरज चो दांत देबुम सरना पैरा
कुछ इस तरह पिरोया पेज: पे से पेंड्रा, ज से जशपुर बकरा: ब से बलरामपुर, क से कवर्धा, रा से रायगढ़ गजामुंग: ग से गरियाबंद, जा से जांजगीर, मुं से मुंगेली,
कोरी से कोरिया, कोर से कोरबा