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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन कर लें ये छोटा काम, पूरी होगी हर इच्छा, जानिए अभी

Mahashivratri: शिव उपासना का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि पर चार महायोग बनने का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग के साथ ही शुभ योग में इस बार हजारों भक्त भगवान भोले बाबा का अभिषेक पूजन करेंगे और धूमधाम से बारात निकालेंगे।

रायपुरMar 05, 2024 / 01:01 pm

Shrishti Singh

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Raipur Special: शिव उपासना का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि पर चार महायोग बनने का संयोग बन रहा है। (Bholenath) सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग के साथ ही शुभ योग में इस बार हजारों भक्त भगवान भोले बाबा का अभिषेक पूजन करेंगे और धूमधाम से बारात निकालेंगे। (Shivratri) ऐसी तैयारियां शहर के सभी प्राचीन मंदिरों से लेकर मोहल्ले और कॉलोनियों में चल रही है।
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महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार महाशिवरात्रि से ठीक एक दिन पहले 7 मार्च को शुक्र मित्र ग्रह शनि की राशि में युति बनाएंगे। इसके साथ ही कुंभ राशि में सूर्य, शनि और शुक्र का मजबूत त्रिग्रही योग भी बन रहा है। महाशिवरात्रि के शुभ संयोग में शुक्र और शनि की युति होने से सिंह और तुला राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ संयोग है। चतुर्दशी तिथि 8 मार्च को रात 9 बजकर 57 बजे से शुरू होगी। अगले दिन समापन 9 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा।
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रायपुर के सबसे प्राचीन और विशाल शिवालय बुढ़ेश्वर महादेव मंदिर में बाबा बुढ़ेश्वरनाथ चंद्रशेखर स्वरूप धारण कर विवाह रचाएंगे। इसके लिए पूरे मंदिर को भव्य वैवाहिक स्थल के रूप में मंडप का स्वरूप दिया जा रहा है। रायपुर पुष्टिकर समाज के मुख्य ट्रस्टी चंद्र प्रकाश व्यास ने बताया कि बुढ़ेश्वर महादेव मंदिर लगभग 400 वर्ष प्राचीन है और यहां पर स्वयंभू शिवलिंग हैं, जिसके दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसका संचालन प्राचीन काल से रायपुर पुष्टिकर समाज द्वारा किया जा रहा है। प्रबंधक ट्रस्टी विजयलक्ष्मी बोहरा ने बताया कि महाशिवरात्रि के आयोजन के लिए समाज के युवाओं की पूरी टीम पिछले 10 दिनों से सक्रिय है। 8 मार्च महाशिवरात्रि के दिन प्रात: 4:45 बजे भस्म आरती पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। प्रात: 7:00 बजे से आम भक्तगण जलाभिषेक कर सकेंगे।
बुढ़ेश्वरनाथ चंद्रशेखर स्वरूप में रचाएंगे विवाह, मंदिर को दिया जा रहा विवाह मंडप का स्वरूप
महाशिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त – रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 6.38 मिनट से 10.41 मिनट तक
शिव योग – 9 मार्च को सूर्योदय रात्रि 12 बजकर 46 मिनट तक

सिद्ध योग – 9 मार्च को रात्रि 12 बजकर 46 मिनट से 08 बजकर 32 मिनट तक

श्रवण नक्षत्र- सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग: बहुत शुभ माना जाता है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं।

शिव योग: इस योग में ध्यान करना और मंत्र जाप करना अच्छा माना जाता है। इस शुभ समय भोलेनाथ की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सिद्ध योग: मान्यताओं के अनुसार सिद्ध योग भगवान गणेश से जुड़ा हुआ है। यह योग आपके सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है।

श्रवण नक्षत्र: यह नक्षत्र स्वामी शनि देव को माना जाता है। साथ ही शुभता के रूप में जाना जाता है। श्रवण नक्षत्र में किए गए कार्य का फल शुभकारी है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक धनवान, प्रसिद्ध और सुखी होते हैं।

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