छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अमित कुमार ने अपने करियर में जिस निष्ठा और समर्पण से काम किया है, वह कानून व्यवस्था और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का एक आदर्श उदाहरण है। अमित कुमार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में 12 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं, जहां उन्होंने पुलिस अधीक्षक, उप महानिरीक्षक और संयुक्त निदेशक (पॉलिसी) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ रहे। सीबीआई में उनके कार्यकाल को नीतिगत सुधारों और एजेंसी की कार्यक्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए याद किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में अमित कुमार ने नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र और दुर्ग-रायपुर जैसे शहरी जिलों में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व ने नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद की। साथ ही शहरी क्षेत्रों में पुलिसिंग को नई दिशा दी। बता दें कि इस समय अमित कुमार छत्तीसगढ़ पुलिस में एडीजी (इंटेलिजेंस) के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें जनवरी 2023 में इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर नियुक्त किया गया था। जब
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई थी।
बिहार राज्य के मूल निवासी हैं अमित कुमार
अमित कुमार, छत्तीसगढ़ कैडर के 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और बिहार राज्य के मूल निवासी हैं। उन्होंने आईआईटी से बीटेक की डिग्री प्राप्त की और पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 98वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त की, जिसके बाद वे आईपीएस अधिकारी बने। छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर समेत आधा दर्जन जिलों में पुलिस अधीक्षक के तौर पर कार्य करने के बाद, उन्होंने सीबीआई में 12 वर्षों तक विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और कई प्रमुख मामलों का समाधान किया। वे केंद्रीय मंत्री लालू यादव के चारा घोटाले की जांच करने वाली टीम का हिस्सा रहे थे और पीएमओ को रिपोर्ट करने वाले सीबीआई के संयुक्त निदेशक (नीति) के पद पर भी कार्य कर चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में छह जिलों के पुलिस अधीक्षक रहे
अमित कुमार ने 28 दिसंबर 1998 को आईपीएस सेवा जॉइन की और उन्हें मध्य प्रदेश कैडर अलॉट किया। जब छत्तीसगढ़ राज्य अलग हुआ, तो उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुना। अमित कुमार ने अपनी करियर की शुरुआत नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में की, जहां नक्सली हिंसा के कारण बीजापुर सुर्खियों में था।