वहीं कांग्रेस में अभी लिस्ट जारी होने का इंतजार है। इसमें हो रही देरी से कार्यकर्ताओं में भी निराशा है। उनका कहना है कि नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है, लेकिन उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि दावेदारी कहां और कैसे करें? इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी के भी उपाध्यक्ष और महामंत्री जैसे पदों पर नियुक्ति नहीं हो सकी है।
कांग्रेस में संगठन बदलाव को लेकर कई महीनों से होमवर्क चल रहा है।
प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर सूची को अंतिम रूप दिया गया है। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बैज सहित अन्य वरिष्ठ नेता दिल्ली तक की दौड़ लगा चुके हैं।
जानकारों का कहना है कि सूची लगभग फाइनल है, लेकिन शीर्ष नेतृत्व की ओर से हरी झंडी मिलने में ही देरी हो रही है। कांग्रेस को इसका सीधा नुकसान नगरीय निकाय चुनाव में देखने को मिल सकता है। बता दें कि वर्तमान में प्रदेश के सभी नगर निगमों में कांग्रेस का कब्जा था। इस बार सत्ता परिवर्तन के बाद कार्यकर्ताओं में थोड़ी निराशा है। साथ ही कांग्रेस को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था।
CG Election 2025: आधे से ज्यादा जिलाध्यक्ष को बदलेंगे
भाजपा ने चार जिलों को छोड़कर शेष जिलों के जिलाध्यक्षों को बदल दिया है। कांग्रेस में भी आधे से अधिक जिलाध्यक्षों को बदलने की तैयारी है। इसमें रायपुर शहर और ग्रामीण सबसे प्रमुख है। यहां कांग्रेस को विधानसभा की चारों और लोकसभा की एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस संगठन में वर्तमान में ज्यादातर जिला अध्यक्षों के कार्यकाल का 3 से 5 साल पूरा हो चुका है। इनमें चुनिंदा जिला कांग्रेस कमेटियों का ही परफॉर्मेंस बेहतर रहा है। बीते एक साल से नियुक्तियों को लेकर उठा-पटक होती रही है।