इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश के 26 धार्मिक तीर्थ स्थलों का चयन किया है। जिसे पर्यटन के लिहाज से भी विकसित किया जाना है। इनका धार्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटन महत्व को स्थापित करना है। गौरतलब है कि यह छत्तीसगढ़ का एकमात्र प्रोजेक्ट है जिसे प्रसाद योजना में शामिल किया गया है।
ऐसी होगी भव्य इमारत
पर्यटन मंडल से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जो ड्राइंग-डिजाइन तैयार किया गया है, वह बहुत ही भव्य है। इसके दो माले में कुछ इस प्रकार की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
भू-तल- यहां प्रसादी की व्यवस्था होगा। यहीं पर खान-पान की व्यवस्था होगी।
प्रथम तल- तीर्थ यात्रियों के ठहरने का पूरा प्रबंध होगा। साथ ही धार्मिक ग्रंथों, किताबों से संपूर्ण पुस्तकालय होगा।
द्वितीय तल- इसमें ध्यान केंद्र बनाया जाएगा, जहां हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकेंगे। सबसे ऊपर श्रीयंत्र नुमा आकृति होगी, जो गगनचुंबी होगी।
यह भी शामिल- मां बम्लेश्वरी मंदिर की सीढिय़ों पर पर्यटन सुविधाएं, पार्र्किंग, तालाब का सौंदर्यीकरण, श्रृद्धालुओं के लिए सुविधा केंद्र की व्यवस्था होगी।
यह प्रोजेक्ट पर्यटकों को आकृषित करने के लिए बनाया गया। अब तक यह धार्मिक केंद्र के रूप में ही विख्यात है, मगर अब यह पर्यटन केंद्र के लिए भी जाना जाएगा। या इस धार्मिक पर्यटन केंद्र भी कहा जा सकता है। इस प्रोजेक्ट से लोगों को रोजगार भी मिलेगा। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा ने बताया कि यह हम सबके लिए बहुत खुशी की बात है और बड़ी उपलब्धि है कि केंद्र सरकार ने राज्य के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके लिए 43.33 करोड़ रुपए स्वीकृत भी कर दिए हैं।