इसमें 10.28 फीसदी हादसे, 9.50 फीसदी की मौत और घायलों की संख्या में 7.25 फीसदी बढ़े है। राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2023 के दौरान 13468 हादसों में 6166 की मौत और 11723 लोग घायल हुए।
सबसे ज्यादा सरगुजा में हादसे
इसी अवधि में 2024 के दौरान 14853 हादसों में 6752 की मौत और 12573 लोग घायल हुए है। इसमें रायपुर जिले में सबसे ज्यादा 2069 हादसों में 595 की मौत और 1477 लोग
घायल हुए। वहीं, दूसरे स्थान पर बिलासपुर तीसरे स्थान पर दुर्ग और सबसे कम नारायणपुर में 59 सड़क हादसों में 33 की मौत और 34 लोग घायल हुए। राज्य पुलिस के अफसरों का कहना है कि लापरवाहीपूवर्क वाहन चलाने और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने की वजह से हादसे बढ़े हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र की सड़कों का निरीक्षण
सड़क हादसों पर ब्रेक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेटी अध्यक्ष एवं सेवानिवृत न्यायामूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग की सड़कों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने राज्य पुलिस के अधिकारियों को मुय सड़क से जुड़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र की ट्रायएंगल सड़कों को ठीक करने कहा। न्यायामूर्ति अभय मनोहर सप्रे भिलाई से रायपुर होते हुए धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, जगदलपुर,
दंतेवाडा़ और बचेली होते हुए बारसूर तक गए।
इसके बाद इसी मार्ग से रायपुर वापस लौटे। इस दौरान लापरवाहीपूवर्क वाहन चलाने और ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रदेश के 33 जिलों में 2023 की अपेक्षा 2024 के दौरान जशपुर जिले में में सबसे ज्यादा 30.88 फीसदी सड़क हादसा हुआ। वहीं, बेमेतरा 33.20 फीसदी की मौत और सरगुजा ( अंबिकापुर) जिले में 28.44 फीसदी हादसे हुए हैं।
जबकि सबसे कम हादसे
महासमुंद, गरियाबंद, सूरजपुर, कांकेर, सुकमा, सांरगगढ़-बिलाईगढ़, बीजापुर और सक्ती में हुए। इसी तरह बलौदाबाजार, महासमुंद, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, सूरजपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, सुकमा, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर और मानपुर-मोहला, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, गौरेला- पेंड्रा-मरवाही, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया और गरियाबंद शामिल है।