रिश्वत लेते हुए पकड़े गए शासकीय विभाग में बैठे अधिकारी-कर्मचारी बिना लेनदेन के लोगों के काम नहीं करते। बहाना बनाकर लोगों को चक्कर लगवाते थे। साथ ही
रिश्वत की रकम देने पर तत्काल काम कराने का आश्वासन देते थे। इसकी शिकायत मिलने पर एसीबी की टीम ने वेरिफिकेशन करने के बाद उन भ्रष्ट लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
बता दें कि एसीबी द्वारा इस साल राजस्व विभाग के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग के 14, नगरीय प्रशासन के 6 और कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग 8 लोगों को पकड़ा। इसमें एसडीएम, डिप्टी डायरेक्टर और टीआई से लेकर पटवारी स्तर के कर्मचारी और अधिकारियों के नाम शामिल है।
एसीबी ने इनको पकड़ा
एसीबी की टीम ने मई 2024 को
बिलासपुर के राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार देवांगन, मई 2024 में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर टीआर मेश्राम, राजस्व विभाग के सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान और सहायक मानचित्रकार निलेश्वर कुमार धुर्वे, राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेंद्र लाटा, रायगढ़ के ग्राम छाल के पटवारी हरिशंकर राठिया, धमतरी के तहसीलदार क्षीरसागर बघेल, रायपुर के खरोरा स्थित ग्राम डोमा ग्राम पंचायत के सचिव धर्मेंद्र साहू, पटवारी बृजेश मिश्रा नगर निवेश कार्यालय के सहायक संचालक (बालकऋण्) चौहान, सरगुजा के मानचित्रकार लक्ष्मण कुमार धुर्वे और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया।
घूस लेते पकड़ाए
मत्स्य पालन विभाग संयुक्त संचालक देव कुमार सिंह, किरोड़ीमल नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) रामायण पाण्डेय, स्वास्थ्य विभाग के सूरज नाग, रायपुर की महिला थाना प्रभारी वेदवती दरियो, स्वास्थ्य विभाग अधिकारी देवसिंह बघेल, दुर्ग के प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा, दंतेवाड़ा के चिकित्सक डॉ. वेणुगोपाल सहित अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
बता दें कि एंटीकरप्शन ब्यूरो द्वारा पिछले 5 साल में 124 अधिकारी और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसमें 2019 में 17 लोग, 2020 में 22 लोग, 2021 में 14 लोग, 2022 में 18 लोग और 2023 के दौरान रिश्वतखोरी के एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किए गए थे।