Tendu Patta: हरे सोने का कारोबार 1,50,00,00,000 ₹ से पार, सुकमा रहा अव्वल
ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 275 एमओयू, उत्पादन 6 में ही
रमन सरकार के समय वर्ष 2012 में आखरी ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट हुआ था। इस दौरान विभिन्न उद्योगों से से 275 एमओयू हुए थे। इनमें से केवल 6 एमओयू में ही उत्पादन शुरू हो सका है। 25 एमओयू में स्थल चयन की प्रक्रिया ही शुरू हो सकी थी। जबकि 103 एमओयू में कोई काम नहीं हो सका था। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में 93 हजार 830 करोड़ 69 लाख रुपए पूंजी निवेश होना था। इनमें से वास्तविक पूंजी निवेश 2 हजार 3 करोड़ 59 लाख रुपए का हुआ था।नहीं हो सका 224339.34 करोड़ का निवेश
छत्तीसगढ़ की सभी सरकारें उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए उद्योग नीति बनाती हैं। साथ निवेशकों को आमंत्रित किया जाता था। यही वजह है कि वर्ष 2001 से 2018 के बीच 3,03,115.70 करोड़ रुपए के पूंजी निवेश के 211 करार हुए थे। इनमें वास्तविक पूंजी निवेश 78,776.36 करोड़ रुपए का हुआ।कांग्रेस सरकार के समय हुए एमओयू भी अधूरे
कांग्रेस सरकार ने 192 एमओयू किया, जिसमें से 9 निरस्त हो गए। 192 एमओयू से 96442.47 करोड़ रुपए का निवेश होना था। इस निवेश से प्रदेश में 1 लाख 24 हजार 336 रोजगार सृजित होना था। लेकिन निवेशकों द्वारा रुचि नहीं लेने से न तो उद्योग लग रहे हैं, रोजगार सृजित हो पा रहे हैं। प्रदेश में दिसम्बर 2023 तक सिर्फ सूक्ष्म एवं लघु उद्योग की 1121 और मध्यम, वृहद उद्योग, मेगा व अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट 92 इकाई ही शुरू हो सके।छत्तीसगढ़ की प्रमुख नीतियां
औद्योगिक नीति 2019-24छत्तीसगढ़ राज्य प्रसंस्करण मिशन
छत्तीसगढ़ महिला उद्यामिता नीति 2023-28
ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग नीति 2023
छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक नीति 2022 छत्तीसगढ़ उद्योग लखनलाल देवांगन ने बताया, मंत्री प्रदेश की नई उद्योग नीति का पहला ड्राफ्ट 31 जुलाई को तैयार हो जाएगा। इसके आधार पर देश और विदेश के निवेशकों से संपर्क कर, उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे। नई उद्योग नीति का अंतिम ड्राफ्ट 1 नवम्बर को आएगा। इसके बाद छत्तीसगढ़ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट कराने की दिशा में कार्य किया जाएगा।