इसके बाद वह वन विभाग को निशुल्क सेवाएं देंगे। इस पहल से वेटलैंड भूमि का संरक्षण करने, भू- जल स्तर सुधारने के साथ ही प्रदूषण रोकने में मदद मिलेगी। वहीं पक्षियों का शिकार रोकने में मदद भी मिलेगी। साथ ही जलीय जीव को रहवास मिलेगा और इको सिस्टम (Forest Department In CG) बेहतर होगा। बता दें कि प्रदेश में 35534 वेटलैंड को चिन्हांकित किया गया है। इसमें 5 एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल वाले 7711 और इससे छोटे 27823 वेटलैंड शामिल हैं। इनका विकास करने के लिए राज्य सरकार द्वारा वेटलैंड डेवलपमेंट के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है।
150 से ज्यादा विदेशी प्रवासी पक्षियों का डेरा Mitra of Wetland will be appointed: प्रदेश के वेटलैंड भूमि में ठंड में चीन,मंगोलिया, श्रीलंका, आष्टेलिया, म्यांमार, बंग्लादेश, साइबेरिया और अन्य प्रदेशों से 150 से ज्यादा प्रजाति के 5 लाख से ज्यादा प्रवासी पक्षियों का आवागमन होता है। यह प्रमुख रूप से नई राजधानी स्थित सेंध, झांझ, खरोरा स्थित बंगोली, बेमेतरा में गिधवा, परसदा, पाटन में चींचा, सांकरा, अचानकपुर, बेलौदी, गंगरेल के दुधावा, फुटहामुड़ा, बिलासपुर के घुघवा और कोपरा सहित प्रदेश भर के जलाशयों में डेरा डालते है।
वेटलैंड मित्र बनने के इच्छुक लोग अपना आवेदन वन विभाग मुख्यालय और ऑन लाइन डब्लूडब्लूडब्लू सीजी फारेस्ट डॉट कॉम और डब्लूडब्लूडब्लू सीजीएसबीबी. डॉट इन पर जमा कर सकते है। वेटलैंड भूमि का संरक्षण करने और पक्षियों को शिकारियों से बचाने के लिए (Raipur hindi news) वेटलैंड मित्र बनाया जा रहा है। इसके लिए आम नागरिकों और संस्थाओं से आवेदन मंगवाए गए है। अरूण पाण्डेय, सदस्य सचिव, वेटलैंड अथॉरिटी