एक्सप्रेस-वे सड़क स्टेशन से फाफाडीह, देवेंद्रनगर, पंडरी, शंकरनगर, अवंति विहार, तेलीबांधा, अमलीडीह, फुंडहर, डूमरतराई होकर जगदलपुर रोड में लगती है। जिस पर काफी तेज गति से दोनों तरफ से ट्रैफिक दौड़ने लगा है, लेकिन मानक के अनुरूप सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से खतरा का अंदेशा हमेशा बना रहता है। क्योंकि 11 किमी लंबी इस एक्सप्रेस वे सड़क के दोनों तरफ की लोहे की जाली को काटा जा चुका है। यहां तक कि कई जगह खतरनाक रास्ते बना दिए गए हैं, तो कई जगह दुकानें तक खोल दी गई है। इसके बावजूद न तो रोड कार्पोरेशन के इंजीनियर और न ही ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम ऐसे लोगों पर रोक लगा पा रहे हैं न ही चोरों पर अंकुश है। ऐसी स्थिति में एक्सप्रेस वे सड़क पर तेज गति से आवाजाही किसी बड़े खतरे से कम नहीं है।
दो जगह सिग्नल और सीसीटीवी कैमरे लगाने के दावे करोड़ों रुपए की लागत से स्टेशन के करीब से निकलने वाली एक्सप्रेस-वे सड़क का निर्माण रोड कार्पोरेशन के इंजीनियरों ने कराया है। मानक के अनुसार इस सड़क के दोनों तरफ की सर्विस रोड को सुरक्षा के लिहाज से लोहे की जाली तो लगाई गई, लेकिन वह कई जगहों पर काटी जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि चोरी की शिकायतें पुलिस में करने के बावजूद भी कोई रोक नहीं लग पाई है। जबकि रोड के सुरक्षा मानक के अनुरूप देवेंद्रनगर और फुंडहर चौक में सिग्नल लगाने के साथ ही पांचों ओवरब्रिज के दोनों साइड सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, परंतु जाली काटने वालों पर रोक नहीं लग पाई है। इसलिए स्थायी समाधान का प्रस्ताव तैयार किया है।
दो से तीन बार लोहे की जाली लगातार रास्ता बंद किया गया, परंतु लोगों की मनमानी और चारों के आतंक के कारण कई जगह खतरनाक रास्ता बन चुका है। अब स्थायी तौर पर रिटेनिंग वॉल बनाने के लिए ढाई करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। – अमित कश्यप, प्रोजेक्ट मैनेजर, एक्सप्रेस-वे सड़क