जीवन में संघर्ष बहुत है, लेकिन मैं कभी निराश नहीं हुई और मेहनत करके खेल में अपना एक स्थान बनाया। परिस्थिति चाहे कैसी ही हो आत्मविश्वास और
आत्मनिर्भरता से हालातों में संतुलन बनाया जा सकता है। मेरा परिवार सामान्य मध्यम वर्ग से आता है। जीवन में संघर्ष बहुत है, लेकिन मैं कभी निराश नहीं हुई और मेहनत करके खेल में अपना एक स्थान बनाया। परिस्थिति चाहे कैसी ही हो आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से हालातों में संतुलन बनाया जा सकता है।
Sunday Guest Editor: मानसी तांडी
आज भी
लड़कियों को घर से तो सपोर्ट मिल जाता है, लेकिन बाहर पाबंदी लगाई जाती है। मेरे मां-पिता नहीं हैं मेरे दादा और दादी ही मेरे सरंक्षक हैं। उन्होंने मुझे हमेशा खेलने के लिए सर्पोट किया है। मेरे 2 भाई हैं जिनकी जिमेदारी भी दादा ही उठा रहे हैं। मैं खुद कार्य करती हूं, ताकि खेल को जारी रख सकूं और परिवार वालों को भी सहयोग कर सकूं।
थाई बॉक्सिंग चैपियन
रायपुर के गुजराती स्कूल से मेरी पढ़ाई हुई।
मैरीकॉम मेरी प्रेरणा रहीं स्कूल में लगने वाले समर कैंप में कराटे और मार्शल आर्ट सीखती थीं और थाई बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते हुए बच्चों को देखती थी। उसी के बाद मेरा भी रूझान इस खेल की और बढ़ा। मेरे कोच अनीस मेमन और मेरे दादा का साथ मिला और साल 2022 में मेरी प्रैक्टिस शुरू हुई।
पहली बार गोल्ड मेडल जीता
मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ जब पहली बार मैंने गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद तो साल 2022 से अब तक 5 गोल्ड, 2 सिल्वर एक कॉस्य पदक जीत चुकी हूं। अभी हाल ही में भोपाल में हुई साउथ थाई
चैंपियनशिप में मुझे एक गोल्ड मेडल मिला है। सरकार की और से हमें कोई मदद नहीं मिल रही है। मैं तो ओलंपिक में खेलना चाहती हूं बस सरकार का सहयोग मिले।