इसकी गड़बड़ी मिलने के बाद कम्प्यूटर, लैपटाप और बैलैंस शीट को जांच के दायरे में लिया गया है। साथ ही कारोबारियों के टर्नओवर और आयकर रिटर्न से इसका मिलान कर टैक्स चोरी का हिसाब किया जा रहा है। (Raipur news) बताया जाता है कि कारोबारियों द्वारा अपनी इनकम छिपाने के लिए कई तरह के खाते बनाए गए थे। इसमें आय से अधिक खर्च दिखाकर फर्म को नुकसान में चलाना दिखाया जा रहा था।
ताकि टैक्स जमा करते समय वास्तविक आय को छिपाया जा सके। दस्तावेजों की छानबीन के दौरान इसके पुख्ता दस्तावेज मिलने के बाद विभागीय टीम को आय-व्यय का हिसाब करने कहा गया है। इसके संबंध में कारोबारियों, (cg raipur news) उनके सीए और ब्रांच मैनेजर से पूछताछ कर बयान भी लिया जा रहा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की आयकर विभाग 150 सदस्यीय टीम द्वारा रायपुर, रायगढ़ और कोलकाता स्थित 22 ठिकानों पर छापा मारा गया था, इसमें रायपुर के 12 घर और दफ्तर, रायगढ़ में 6 फैक्ट्री के साथ ही कोलकाता में 4 कार्पोरेट दफ्तर शामिल हैं।
वेलफेयर सोयाइटी का संचालन कारोबारियों द्वारा टैक्स में छूट लेने और करोड़ों रुपए की हेराफेरी करने के लिए वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया गया था। इसकी आड़ लेकर वह अपनी आय को सोसाइटी में हस्तांतरित कर रकम को दूसरी मद में खर्च करते थे। (cg raipur update) वहीं करोड़ों रुपए की आय छिपाने के लिए फर्म को नुकसान में चलना दिखाया जा रहा था। जबकि उनके द्वारा दूसरी फैक्ट्री खरीदने के साथ ही अन्य कारोबार में निवेश करने संबंधी दस्तावेज मिले हैं।
तलाशी में मिले शेल कंपनियों के दस्तावेज कारोबारियों द्वरा टैक्स चोरी करने के लिए 11 शेल कंपनियों का संचालन किया जा रहा था। यह सभी कागजी कंपनी का रीजनल दफ्तर कोलकाता में बताया गया है। इनके जरिए रकम का ट्रांजेक्शन और लेनदेन आपस में किया जा रहा था। (cg raipur news hindi) ताकि फर्म की वास्तविक आय को छिपाया जा सके। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कारोबारियों द्वारा करीब 25 लोहा, स्टील, सरिया, टीएमटी, फाइनेंस कंपनी, और लोहा कारोबार से जुड़ी फर्म का संचालन करना बताया गया है। इन सभी को जांच के दायरे में लिया गया है। दस्तावेजों की जांच करने के बाद ही वास्तविक टैक्स चोरी का पता चलेगा।