सेना इस्तेमाल करेगी एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम
गाड़े ने बताया, 2010 से एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम पर काम हो रहा था। पिछले साल ही इसके ट्रायल खत्म हुए हैं। सेना ने 307 गन का ऑर्डर दिया है। कुछ जरूरी प्रक्रिया के बाद सप्लाई की जाएगी। इसकी खासियत है कि गन के वायरल का चेंबर 25 लीटर का है। इसमें सात वाय मॉडयूल आते हैं, अब तक दुनिया के किसी भी गन में छह मॉड्यूल ही लोड हुए हैं।
डिजाइन ऐसा कि प्रेशर ज्यादा नहीं बढ़ता। इसलिए एग्रोसिव प्रोजेक्टाइल की कैपेसिटी प्रेशर को हैंडल करने की है। इस प्रोजेक्टाइल से हम अभी 48 किमी तक फायर कर रहे हैं। इससे पहले बोफोर्स की क्षमता 32 किमी थी। बाकी के 52 कैलिबर गन्स 42 किमी तक फायर करती थीं। हमने इसमें ऑल इलेक्ट्रिक ड्राइव यूज किया है जो कि दुनिया में किसी भी गन में इस्तेमाल नहीं हुआ है। हमने हैड्रोलिक्स का उपयोग किया है। इसके प्रयोग से मेंटेनेंस इशु आने लगते हैं। हमने इसे अवाइड करने के लिए नो मेंटेन सिस्टम तकनीक अपनाई। सेना में भी ट्रायल हो चुका है।
Mother’s Day special: दुनिया से लड़कर बेटियों का बनाया कॅरियर..
लागत तभी कम जब प्रोडक्ट की संख्या ज्यादा हो
प्रोडक्ट की लागत कम करने के सवाल पर बोले- कास्ट कटौती के लिए प्रोडक्शन की संख्या बढ़ानी होगी। अगर कोई प्रोडक्ट 1000 बनाने हैं तो हम इंडस्ट्री हायर कर सकते हैं लेकिन उसी चीज को 100 बनाना हो तो इंडस्ट्री नहीं आएगी। इसलिए इंडस्ट्री के इन्वॉल्वमेंट पर ध्यान नहीं गया है।