पीडब्ल्यूडी में भी आई थी शिकायत: इसके पहले लोक निर्माण विभाग में भी ठेकेदारों द्वारा इ-रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी की शिकायत आई थी। तमाम ठेकेदारों ने एक ही मोबाइल नंबर, पैन कार्ड नंबर और एक जैसे ही इ-मेल एड्रेस से अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया था।
स्थानीय निकायों में भी इ-टेंडरिंग: छत्तीसगढ़ में टेंडर प्रक्रिया को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए ही इ-टेंडरिंग की व्यवस्था शुरू की गई थी। राज्य में स्थानीय निकायों को भी पांच लाख रुपये से ज्यादा के कार्यों के लिए इ-टेंडर जारी करने का आदेश इसी वर्ष दिया गया, अब तक नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत मैनुअल टेंडर करते थे, पहले 20 लाख रुपये तक के कार्यों को इ-टेंडर करने निर्देश था। अब पांच लाख रुपये से अधिक के कार्यों के लिए इ-टेंडर करना पड़ रहा है।
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं कि भले ही ऐसा आदेश जारी किया गया हो, लेकिन आज भी लोग सिंडिकेट बनाकर या फिर एक ही कंप्यूटर से टेंडर डाल रहे हैं, जो कि शोचनीय है ।