अभी भी देरी से जांच करवा रहे, तो देरी से मिल रहा इलाज
कोरोना संक्रमण को छत्तीसगढ़ में दस्तक दिए 19 महीने गुजर चुके हैं। 2 लहर बीत चुकी हैं। हर व्यक्ति कोरोना वायरस के प्रकोप से भली भांति बाकिफ है। डॉक्टरों का मानना है कि मगर, अभी भी लोग जांच करवाने में देरी कर रहे हैं। अगर, जांच में देरी होगी तो रिपोर्ट देर से आएगी। और रिपोर्ट देर से आएगी तो समय पर मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाएगा। पहुंच भी गया तो काफी देर चुकी होगी। ऐसे एक-दो नहीं बल्कि सैंकड़ों उदाहरण हैं जहां हमारी लापरवाही जान पर भारी पड़ गई। अभी भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
मृतकों में 1 बच्ची
30 दिन में हुई 14 मौतों में एक 14 साल की कोरिया की रहने वाली बच्ची भी शामिल है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 2 दिन चलते इलाज के बाद उसने दमतोड़ दिया। जबकि उसे पूर्व में कोई बीमारी नहीं थी। इस मौत से स्पष्ट है कि बच्चों के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
मौसम से वायरस का कोई संबंध नहीं
आंबेडकर अस्पताल के प्लमोनरी विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा के मुताबिक मौसम से कोरोना वायरस का कोई संबंध नहीं है। यह वायरस हर सीजन में एक सामान ही रिपोर्ट हुआ है। इसकी प्रकृति इसके म्यूटेशन पर निर्भर करती है। दूसरी लहर के बाद बहुत ज्यादा या बहुत प्रभावी म्युटेशन नहीं हुआ है। कोरोना नियंत्रण की एक बड़ी वजह यह भी रही है। हालांकि टीकाकरण भी एक बड़ा कारण है।