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रायपुर

अवसाद ग्रस्त बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा, शोध में हुआ दावा

कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों के संक्रमित होने के दावों के बीच एक शोध में कहा गया है कि अवसाद ग्रस्त बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि डरे हुए और अवसाद से ग्रसित बच्चों में आम बच्चों की तुलना में ज्यादा डर है।

रायपुरJun 11, 2021 / 08:03 pm

lalit sahu

अवसाद ग्रस्त बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा, शोध में हुआ दावा

अवसाद ग्रस्त बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा, शोध में हुआ दावा

अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में इस शोध को छापा गया है और बताया गया है कि संक्रमण बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। शोधकर्ता कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एमडी एनाबेले डी सेंट मौरिस ने बताया कि बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने और उनकी बीमारी के गंभीर होने को लेकर यह शोध किया गया।
शोध का मकसद ये जानना था कि किन बच्चों के गंभीर रूप से संक्रमित होने की ज्यादा आशंका है। अध्ययनों में पाया गया कि बच्चों में गंभीर कोरोना के जोखिम का कारक कम उम्र (1 से कम) या पहले से मौजूद चिकित्सा स्थितियों (जैसे, अस्थमा, मधुमेह, जन्मजात हृदय रोग, मोटापा, या तंत्रिका संबंधी स्थिति) हैं। इन बीमारियों से ग्रस्त बच्चों में कोरोना का खतरा ज्यादा है।
इस अध्ययन में 800 से अधिक अस्पतालों से जुड़े डेटाबेस से रोगी डेटा एकत्र किया गया था, जहां 18 वर्ष या उससे कम उम्र के बाल रोगियों को आपातकालीन विभाग में देखा गया था। सभी मार्च 2020 से जनवरी 2021 तक रोगी थे।
अध्ययन के मुख्य परिणाम अस्पताल में भर्ती होने के साथ-साथ गंभीर बीमारी (आईसीयू में प्रवेश, आक्रामक यांत्रिक वेंटिलेशन, या मृत्यु के रूप में परिभाषित) थे। इसमें 43 हजार से ज्यादा बच्चों के डाटा पर शोध हुआ। अध्ययन में गया कि अस्पताल में भर्ती 29% प्रतिभागियों में पहले से कोई बीमारी थी। इनमें अस्थमा से ग्रसित बच्चे (10.2%) ज्यादा थे। इसके बाद न्यूरोडेवलपमेंटल विकार (3.9%), चिंता और भय से संबंधित विकार (3.2%), और अवसादग्रस्तता विकार (2.8%) थे।

वयस्कों की तरह बच्चों में भी अवसाद संभव
शोधकर्ताओं के मुताबिक, वयस्कों की तरह बच्चों में भी अवसाद संभव है। 19 साल के होने से पहले हर चार में से एक बच्चे को डिप्रेशन होता है। यानी अवसाद होना वयस्कों में जितना सामान्य है, उतना ही बच्चों में भी।

अवसाद के लक्षण
लोगों के बीच जाने से बचने की कोशिश करना
खाना नहीं खाना
हमेशा मायूस रहना
हर बात के लिए इनकार करना
पैनिक अटैक आना और चिड़चिड़ापन

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