IT Raid में बड़ा खुलासा : कारोबारियों के ठिकानों से 1 करोड़ की ज्वैलरी और 1 करोड़ नकदी जब्त
इनकार की यह है वजह तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का कहना है कि पूरा-पूरा खसरा और रकबा की रजिस्ट्री होती है, तो नक्शा काटने की जरूरत नहीं होती है। (raipur news hindi) जबकि टुकड़ों में रजिस्ट्री होने से बिना नक्शा काटे रिकार्ड दुरुस्तीकरण संभव नहीं है। वहीं, नक्शा काटने का काम बिना मैनुअल नक्शा देखे बगैर संभव नहीं है। इसकी वजह से अगर तहसीलदार से किसी प्रकार की गलती हो गई, तो सुधार के लिए एसडीएम के पास आवेदन करना होगा और फिर आदेश तहसीलदार के पास आएगा। इस पूरी प्रक्रिया में किसानों को कई पेशी झेलनी पड़ेगी और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। (cg raipur news) ऐसी स्थिति में संघ ने पटवारियों का काम करने से किनारा कर लिया है।महामाया मंदिर में जुड़वास शांति पूजा
एस्मा का जमकर विरोध, नारेबाजी तूता स्थित धरनास्थल पर गुरुवार को पटवारियों ने एस्मा कानून के विरोध में प्रदर्शन और नारेबाजी की। जिला अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने बताया कि हड़ताल को 23 दिन हो गए हैं। शासन-प्रशासन हमारी मांगों पर कोई विचार करना तो दूर हमसे बात करने का समय नहीं है। इसलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल अब एक जनआंदोलन के रूप में बदल गया है।10 एकड़ में बंद पड़ी खदानों को भूमाफिया ने पाटकर बेच दिया
रजिस्ट्री के बाद नामांतरण अटका बीते 22 दिनों में राजधानी में 22 सौ से ज्यादा संपत्तियों की रजिस्ट्री हो चुकी है। इसके बाद भी सभी संपत्तियों के मालिक खरीदने वालेनहीं बेचने वाले हैं। यह आंकड़ा प्रदेश में 20 हजार से अधिक है। बीते 23 दिनों से पटवारी हड़ताल में चल रहे हैं, जिसके बाद से लैंड रेकॉर्ड दुरुस्तगी का काम पूरी तरह से बंद है। (Raipur news today) खुद शासन के नियमानुसार एक सप्ताह में रजिस्ट्री हुई संपत्ति का नामांतरण हो जाना चाहिए। सीमांकन-बटांकन के प्रकरण भी बारिश के पहले पूरा करके देना है, जो अभी नहीं हो पा रहा है।रेडक्रॉस ब्लड बैंक: घोटाले की जांच पूरी, राजभवन को सौंपी गई रिपोर्ट, अब फैसले का इंतजार
इससे छात्रों, शासकीय नौकरी के लिए आवेदन और बेरोजगारी भत्ता के लिए आवेदन करने वालों के जरूरी दस्तावेज नहीं बन पा रहे हैं। आने वाले दिनों में खरीफ की बुवाई शुरू होने से पहले गिरदावरी रिपोर्ट भी पटवारियों को बनानी है।Naxal News : लाल आतंक का साथ छोड़ किया आत्मसमर्पण, बताया क्यों थामा था जवानों के खिलाफ बंदूक
पटवारियों की हड़ताल अब भी जारी है। हड़ताल को खत्म करने को लेकर सीएम के सख्त निर्देश के बाद प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ एस्मा लगा दिया गया है। फिलहाल पटवारी आंदोलन छोड़ने को तैयार नहीं है। (cg news) उनका कहना है कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती, तब तक हम हड़ताल पर डटे रहेंगे।– कृष्ण कुमार लहरे, प्रांताध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ